Ghaziabad News: भारतीय किसान यूनियन के नेता Rakesh Tikait की मुश्किलें बढ़ गई हैं. गाजियाबाद की एक अदालत ने 2014 के एक मामले में उन पर आरोप तय कर दिए हैं. यह मामला मुरादनगर गंग नहर पर प्रदर्शन और पुलिस से झड़प से जुड़ा है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है. उस दिन पुलिस को कोर्ट में सबूत पेश करने होंगे.
इन बड़े नेताओं पर भी कसा शिकंजा
स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने सिर्फ Rakesh Tikait ही नहीं, बल्कि कई अन्य बड़े चेहरों पर भी आरोप तय किए हैं. इनमें मौजूदा विधायक योगेश धामा और पूर्व विधायक सुदेश शर्मा का नाम शामिल है. इसके अलावा यूपी के पूर्व मंत्री दलबीर सिंह, पूर्व विधायक वीरपाल राठी और भगवती प्रसाद पर भी आरोप लगे हैं. अब इन सभी को कोर्ट में ट्रायल का सामना करना होगा.
क्या था 2014 का पूरा विवाद?
यह मामला 18 सितंबर 2014 का है. उस समय राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह से दिल्ली की सरकारी कोठी खाली करवाई जा रही थी. इसके विरोध में Rakesh Tikait और हजारों किसान मुरादनगर गंग नहर पहुंच गए थे. ये लोग विरोध स्वरूप दिल्ली जाने वाले पानी को रोकना चाहते थे. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हुई थी. हालात को काबू करने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी थी.
36 लोगों पर दर्ज हुए थे मुकदमे
हंगामे के बाद पुलिस ने 36 लोगों के खिलाफ तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे. अब इन तीनों मुकदमों को एक साथ (क्लब) कर दिया गया है. वकील अजय वीर सिंह चौधरी के मुताबिक, 36 नामजद आरोपियों में से कुछ का निधन हो चुका है. कुछ के पते गलत निकले. ऐसे में फिलहाल 25 लोग कोर्ट में पेश हो रहे हैं. अब 2 जनवरी 2026 को पुलिस को Rakesh Tikait और अन्य आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत करने हैं. इसके बाद बचाव पक्ष अपनी दलीलें रखेगा.
