National News: सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर के नए बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। किशोर ने दावा किया कि 90 के दशक में मुरादाबाद में मुस्लिम समुदाय के लोग उनकी पत्नी को उठाकर ले जाते थे। इस पर लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया पर कटाक्ष करते हुए किशोर को ‘कायर और धूर्त’ बताया।
राठौर ने ट्वीट में लिखा, “जब इसकी पत्नी को उठाकर ले जाया जाता था तब इसने जूता नहीं मारा लेकिन CJI पर जूता फेंक दिया।” उन्होंने इसकी तुलना नाथूराम गोडसे के कृत्य से भी की। इसके अलावा राठौर ने दलित समुदाय से जुड़े मुद्दों को उठाते हुए केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने हरियाणा के आईपीएस की आत्महत्या और यूपी में दलित व्यक्ति की मॉब लिंचिंग का जिक्र किया।
राकेश किशोर के विवादित बयान की पृष्ठभूमि
वकील राकेश किशोर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में 90 के दशक की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि जब वह मुरादाबाद में रहते थे तो मुस्लिम बहुल इलाके में उनकी पत्नी को अक्सर उठाकर ले जाया जाता था। किशोर ने कहा कि अगर किसी मुस्लिम व्यक्ति की बकरी से उनकी स्कूटर छू भी जाती थी तो वे उन्हें उतारकर पीटते थे।
यह बयान उस घटना के बाद आया है जब 6 अक्टूबर 2025 को किशोर ने सुप्रीम कोर्ट में CJI बीआर गवई पर जूता फेंका था। इसकी वजह उन्होंने CJI की उस टिप्पणी को बताया जो खजुराहो में भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त मूर्ति की पुनर्स्थापना की याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई थी। इस घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने किशोर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था।
नेहा सिंह राठौर की प्रतिक्रिया और आरोप
लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने राकेश किशोर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर किशोर के दावों की सच्चाई पर सवाल उठाया। राठौर ने लिखा कि अगर वास्तव में उनकी पत्नी को उठाया जाता था तो उन्होंने उस वक्त विरोध क्यों नहीं किया। इसके बजाय उन्होंने CJI पर जूता फेंकना क्यों उचित समझा।
राठौर ने इस मामले को दलित समुदाय से जोड़ते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने हरियाणा के एक आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या और उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दलित व्यक्ति की मॉब लिंचिंग का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इन सभी जगहों पर भाजपा की सरकार है और सारे पीड़ित दलित समाज से जुड़े हैं।
घटना के बाद से राकेश किशोर की स्थिति
सुप्रीम कोर्ट की घटना के बाद राकेश किशोर को कानूनी हल्कों से कड़ी प्रतिक्रिया झेलनी पड़ी है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी उनकी सदस्यता रद्द कर दी है। इसका मतलब है कि अब किशोर सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रवेश भी नहीं कर सकते।
किशोर ने अपनी जाति को लेकर भी बयान दिए हैं। उन्होंने खुद को दलित बताते हुए कहा कि वह न तो पांडे हैं, न तिवारी और न ही गुप्ता। उन्होंने कहा कि वह अपना जाति प्रमाण पत्र भी दिखाने को तैयार हैं। किशोर ने यह भी दावा किया कि उन्हें भगवान का आदेश प्राप्त हुआ है और वह खजुराहो में भगवान विष्णु के मंदिर में अनशन करेंगे।
सोशल मीडिया पर चल रही बहस
इस पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ दी है। एक तरफ कुछ लोग राकेश किशोर के कृत्य की आलोचना कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ लोग CJI की टिप्पणी पर सवाल उठा रहे हैं। नेहा सिंह राठौर के ट्वीट्स ने इस बहस को और हवा दी है।
राठौर ने घटना के तुरंत बाद भी ट्वीट कर सवाल उठाया था। उन्होंने दो तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था, “धर्म नहीं, जाति देखी।” इसके साथ ही उन्होंने “मोदी कल का भारत” लिखकर सरकार पर सीधा निशाना साधा था। यह ट्वीट भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। अब उनके नए ट्वीट ने एक बार फिर इस मामले को चर्चा में ला दिया है।
