New Delhi News: साल 2026 में देश की सियासत पूरी तरह गरमाने वाली है. संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में बड़ा उलटफेर होने वाला है. अगले साल कुल 75 सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. इससे संसद का पूरा गणित बदल जाएगा. पश्चिम बंगाल, केरल और असम में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. इनका सीधा असर राज्यसभा के समीकरणों पर पड़ेगा. एनडीए और इंडिया गठबंधन के लिए यह साल बहुत अहम साबित होगा.
दिग्गज नेताओं की साख दांव पर
साल 2026 के चुनाव कई मायनों में खास हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इसके अलावा शरद पवार और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा की भी विदाई हो सकती है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की सीट भी खाली होगी. रवनीत सिंह बिट्टू और दिग्विजय सिंह का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है. यह तय नहीं है कि इनमें से कितने नेता राज्यसभा में वापसी करेंगे. कई सीटों पर नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं.
यूपी और बिहार में बदलेंगे समीकरण
राज्यसभा की ये सीटें अप्रैल, जून और नवंबर में खाली होंगी. सबसे ज्यादा हलचल बिहार और उत्तर प्रदेश में होगी. बिहार से 5 और यूपी से 10 सीटें खाली हो रही हैं. बिहार में 9 अप्रैल को 5 सीटें खाली हो जाएंगी. यहां हरिवंश नारायण सिंह और उपेंद्र कुशवाहा का कार्यकाल पूरा हो रहा है. बिहार में एनडीए की मजबूत स्थिति से बीजेपी और जेडीयू को फायदा मिल सकता है.
एनडीए और विपक्ष का मौजूदा हाल
फिलहाल राज्यसभा में एनडीए का पलड़ा भारी है. एनडीए के पास 129 सीटें हैं. वहीं, विपक्षी दलों के पास 78 सांसद हैं. 2026 में होने वाले चुनाव इस संतुलन को बदल सकते हैं. महाराष्ट्र की 7 सीटों पर भी अप्रैल में चुनाव होंगे. यहां प्रियंका चतुर्वेदी और रामदास आठवले का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. विधानसभा चुनावों के नतीजे और राज्यसभा का यह बदलाव संसद के भविष्य की दिशा तय करेगा.
