Baddi News: नकली दवाओं का भंडारण वाराणसी में कर देश के कई भागों में उनकी आपूर्ति करने के मामले में छह लोगों की गिरफ्तारी के बाद मुख्य सरगना रजनी भार्गव को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बुधवार देर शाम हिमाचल प्रदेश राज्य दवा नियंत्रण विभाग के शिकंजे में आई रजनी बद्दी स्थित फार्मा कंपनी साइपर फार्मा कंपनी की मालिक है। मार्च, 2023 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पकड़ी गई नकली दवाओं का उत्पादन सोलन जिले के बद्दी स्थित रजनी भार्गव की इसी कंपनी में हुआ था।
वाराणसी में नकली दवाएं पकड़े जाने के बाद से रजनी फरार थी, जिसकी तलाश तीन माह से उत्तर प्रदेश व हिमाचल पुलिस को थी। बुधवार को बद्दी पुलिस ने राज्य दवा नियंत्रक विभाग के कार्यालय से रजनी को गिरफ्तार किया है। उसे तीन दिन का पुलिस रिमांड मिला है।
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने कहा कि शुक्रवार को रजनी को फिर अदालत में पेश किया जाएगा। पूछताछ में रजनी ने पुलिस को बताया है कि कि वह उत्तराखंड व असम के उद्योगों के नाम से नकली दवाएं बद्दी में बना रही थी।
अशोक नामक व्यक्ति था महिला के संपर्क में
ये दवाएं दो प्रकार से नकली हैं। एक इसलिए क्योंकि इनमें एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट यानी कच्चे माल की जगह चाक मिट्टी, चीनी व स्टार्च आदि मिलाया जाता था। बद्दी से नकली दवाओं को वाराणसी भेजा जाता था, जहां अशोक नामक व्यक्ति इस महिला के संपर्क में था। अशोक को वह करीब 7.50 करोड़ रुपये की नकली दवाएं भेज चुकी थी। वीरवार को रजनी को पुलिस कंपनी की पहचान के लिए गुल्लरवाला स्थित साइपर फार्मा ले गई, जहां करीब तीन माह बाद कंपनी के ताले खोले गए।
आरोपित महिला ने मशीनों, दवाओं के रैपर आदि की बरामदगी करवाई। पुलिस और राज्य नियंत्रक विभाग ने वहीं उक्त महिला के बयान लिए। महिला के पति की मौत कोरोना काल में हुई थी जिसके बाद उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी तो उसने दो वर्षों से नकली दवाएं बनाने का काम आरंभ कर दिया। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने बताया कि आरोपित महिला रजनी भार्गव से पूछताछ की जा रही है व जल्द ही इस मामले में कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
2 मार्च 2023 को वाराणसी के सिगरी थाने में दर्ज हुए इस मामले में अशोक नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था जो कूरियर का काम करता था। अशोक ने रजनी भार्गव के बारे में बताया था। इस मामले में बद्दी से सुनील की गिरफ्तारी भी हुई थी। पंचकूला का रहने वाला दुआ उपनाम वाला व्यक्ति भी इसमें शामिल है जो नकली दवाओं को बाजार में बिकवाता था। हिमाचल ड्रग विभाग व एसटीएफ को दुआ की तलाश है।
ऐसे पकड़ी गई आरोपित
रजनी भार्गव का बेटा निजी विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहा है। दवा नियंत्रण विभाग ने अपने कार्यालय में बेटे को बुलाया और कहा कि मां को फोन करे। बेटे ने रजनी को दवा नियंत्रक के कार्यालय में बुलाया जहां पहुंचते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
ये नकली दवाएं पकड़ी गई थीं
वाराणसी में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पैन डी कैप्सूल, पैन 40 कैप्स्यूल, पैन 40 टेबलेट, क्लैवम 625, टैक्सिम ओ जैसी दवाएं पकड़ी गई थी जो इस कंपनी का ब्रांड ही नहीं हैं। इसी तरह मिफेगस्ट किट, मिफ्टी किट, डेका डूयराबोलीन इंजेक्शन, अनवांटेड किट, इल्टोसीन डीएस, मांटेयर एलसी, पैरासिटामोल, पीडियाट्रिक ओरल सस्पेंशन भी नकली हैं।