Rabat News: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोरक्को की राजधानी रबात में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पाक अधिकृत कश्मीर पर स्पष्ट और मजबूत रुख अपनाया। उनका कहना था कि पीओके बिना किसी सैन्य कार्रवाई के स्वत: भारत का हिस्सा बन जाएगा। उन्होंने वहां के लोगों में बढ़ रही भारत से जुड़ने की इच्छा का जिक्र किया। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर में सेना की कार्रवाई और देश की आर्थिक प्रगति पर भी चर्चा की।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पीओके के लोग अब खुद भारत से जुड़ाव की मांग कर रहे हैं। उन्होंने पांच साल पुराने अपने बयान को याद दिलाया जब उन्होंने कहा था कि पीओके पर हमला करने की आवश्यकता नहीं है। उनका दावा है कि वह दिन अवश्य आएगा जब पीओके के लोग कहेंगे कि वे भी भारत हैं। यह बदलाव भारत की मजबूत और दूरदर्शी विदेश नीति का परिणाम बताया गया।
ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने संयम बरतते हुए सख्त जवाब दिया था। सेना पूरी तरह से तैयार थी और सरकार ने उसे पूरी स्वतंत्रता दी थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का इरादा कार्रवाई को बढ़ाने का नहीं था। उन्होंने रामचरितमानस के उद्धरण से समझाया कि भारत ने धर्म नहीं बल्कि कर्म देखकर जवाबी कार्रवाई की थी।
मोदी सरकार के दस वर्षों की उपलब्धियां
रक्षा मंत्री ने पिछले एक दशक में भारत की आर्थिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। भारत की जीडीपी रैंकिंग वैश्विक स्तर पर 11वें स्थान से बढ़कर अब चौथे स्थान पर पहुंच गई है। आने वाले समय में देश टॉप तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।
डिजिटल क्षेत्र में हुई प्रगति को भी रेखांकित किया गया। भारत ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। ज्ञान अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। स्टार्टअप इकोसिस्टम मजबूत हुआ है और यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। दस वर्ष पहले देश में केवल 18 यूनिकॉर्न थे जो अब बढ़कर 118 हो गए हैं।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
राजनाथ सिंह ने रक्षा उत्पादन और निर्यात में हुई वृद्धि की सराहना की। भारत का रक्षा उत्पादन अब 1.5 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है। रक्षा निर्यात में भी ऐतिहासिक उछाल आया है और अब 100 से अधिक देशों को निर्यात किया जा रहा है। रक्षा निर्यात का आंकड़ा 23,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। यह सभी उपलब्धियां देश की मेहनत और सही नीतियों का परिणाम हैं।
रबात में मौजूद भारतीय समुदाय की मेहनत और ईमानदारी की उन्होंने खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि यह भारतीय संस्कृति की ताकत को दर्शाता है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के 1893 के विश्व धर्म संसद में दिए गए भाषण का स्मरण कराया। भारतीय समुदाय के सदस्यों ने देश की बढ़ती वैश्विक स्थिति पर अपना गर्व व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में उत्साह और देशभक्ति का वातावरण था।
