Ladakh News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को भारतीय सेना और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद सेना आतंकियों के खिलाफ और भी बड़ी कार्रवाई कर सकती थी। लेकिन हमारे बलों ने जानबूझकर संयम और संतुलन बनाए रखा। उन्होंने कहा कि मई में चलाए गए इस ऑपरेशन ने सेना के अनुशासन को साबित किया है। बिना तनाव बढ़ाए सेना ने आतंकी खतरों को खत्म कर दिया।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
राजनाथ सिंह ने बताया कि भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इसका मुख्य लक्ष्य पाकिस्तान और पीओके (PoK) में मौजूद आतंकी ढांचे को नष्ट करना था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले का बदला लेने के लिए चलाया गया था। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक शामिल थे।
रक्षा मंत्री ने कहा, “दुनिया जानती है कि हमने आतंकियों के साथ क्या किया। अगर हम चाहते तो और भी बहुत कुछ कर सकते थे। लेकिन हमारे जवानों ने वीरता के साथ-साथ संयम का भी परिचय दिया। उन्होंने सिर्फ वही किया जो उस समय जरूरी था।”
कनेक्टिविटी बनी सुरक्षा की रीढ़
देश भर में 125 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए सिंह ने कनेक्टिविटी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मजबूत कनेक्टिविटी के कारण ही यह ऑपरेशन संभव हो पाया।
- सेना समय पर रसद पहुंचाने में सफल रही।
- सीमावर्ती इलाकों से संपर्क लगातार बना रहा।
- सैनिकों को दुर्गम इलाकों में काम करने में मदद मिली।
सिंह ने कहा कि आज हमारे सैनिक कठिन इलाकों में भी मजबूती से खड़े हैं। उनके पास सड़कें, रियल टाइम संचार प्रणाली और उपग्रह की मदद मौजूद है। कनेक्टिविटी को अब सिर्फ नेटवर्क या फाइबर तक सीमित नहीं माना जा सकता, यह सुरक्षा की रीढ़ है।
लद्दाख के नागरिकों का जताया आभार
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन के दौरान मिले सहयोग की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना, प्रशासन और नागरिकों के बीच का तालमेल अविश्वसनीय था। उन्होंने लद्दाख और सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों का विशेष आभार व्यक्त किया। सिंह ने कहा कि यह आपसी बंधन ही भारत को दुनिया में अलग पहचान देता है।
आर्थिक विकास और जीडीपी में योगदान
राजनाथ सिंह ने बताया कि बेहतर कनेक्टिविटी से सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, बल्कि आर्थिक विकास भी हो रहा है। उन्होंने वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां और मजबूत संचार नेटवर्क इसके प्रमुख कारण हैं। सरकार लद्दाख समेत सभी सीमावर्ती इलाकों के विकास के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है।
