Kullu News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी को मनाली में एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के ब्लॉक उपाध्यक्ष राजीव ठाकुर ने अपने साथियों के साथ कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इस घटनाक्रम ने क्षेत्र की राजनीति में नए समीकरण बना दिए हैं।
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने भाजपा के पटके से उनका स्वागत किया। यह कार्यक्रम भाजपा के मनाली और नग्गर मंडल की संयुक्त बैठक में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में राजीव ठाकुर ने भारत माता और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण किया।
राजीव ठाकुर एक वरिष्ठ नेता और स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली चेहरा माने जाते हैं। वह फलोत्पादक संघ कुल्लू के पूर्व महामंत्री के पद पर भी रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने हलाण-2 पंचायत के प्रधान का पदभार भी संभाला था। उनके पास स्थानीय प्रशासन और जनसमस्याओं का व्यापक अनुभव है।
राजीव ठाकुर के साथ ही कांग्रेस के कुछ अन्य कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी बदली। इनमें मरजां बूथ के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार और युवा कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता सुरेंद्र उर्फ वीर सिंह शामिल हैं। इन सभी नेताों के सामूहिक रूप से भाजपा में शामिल होने से स्थानीय भाजपा इकाई को मजबूती मिली है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह ठाकुर ने इस कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राजीव ठाकुर का भाजपा में आना पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त है। उनके अनुभव और जनसंपर्क से भाजपा की स्थानीय इकाई को लाभ मिलेगा। इससे पार्टी की जनाधार को और विस्तार करने में मदद मिलेगी।
वहीं कांग्रेस पक्ष से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि माना जा रहा है कि यह कदम कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है। मनाली ब्लॉक में कांग्रेस की संगठनात्मक ताकत पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा।
स्थानीय राजनीति पर प्रभाव
मनाली विधानसभा क्षेत्र हिमाचल प्रदेश की एक प्रमुख सीट रही है। यहां पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है। राजीव ठाकुर जैसे जमीनी स्तर के नेता के पार्टी बदलने से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। इससे आने वाले चुनावों में दोनों पार्टियों की रणनीति पर असर पड़ सकता है।
राजीव ठाकुर के पास पंचायत स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक का राजनीतिक अनुभव है। उन्होंने फल उत्पादकों के हितों के लिए भी कार्य किया है। इस कारण किसान और बागवानी से जुड़े मुद्दों पर उनकी एक अलग पहचान है। भाजपा को उम्मीद है कि इससे उन्हें स्थानीय स्तर पर और समर्थन मिलेगा।
यह राजनीतिक दलबदलू का मामला नहीं बल्कि एक रणनीतिक जोड़ माना जा रहा है। भाजपा लगातार प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने पर काम कर रही है। इसी कड़ी में अनुभवी नेताओं को पार्टी में शामिल करना शामिल है। इससे पार्टी के जनाधार का विस्तार होता है और नए कार्यकर्ता प्रेरित होते हैं।
स्थानीय स्तर पर इसके तात्कालिक प्रभाव साफ दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के भीतर इस घटनाक्रम पर चर्चा शुरू हो गई है। पार्टी को अब अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा। भाजपा ने इस पूरे कार्यक्रम को बहुत ही सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया है।
भविष्य में देखना दिलचस्प होगा कि यह कदम क्षेत्र की राजनीति को किस दिशा में मोड़ता है। राजीव ठाकुर जैसे नेता के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को नई ऊर्जा मिली है। अब कांग्रेस पार्टी को इस चुनौती का जवाब अपनी संगठनात्मक ताकत से देना होगा। दोनों दलों के बीच प्रतिस्पर्धा और तेज होगी।
