Rajasthan News: अरावली की पहाड़ियों को लेकर देश में सियासी पारा चढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद Rajasthan News की सुर्खियों में यह मुद्दा छाया हुआ है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर अरावली को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार पहाड़ों को बचाने के बजाय नुकसान बढ़ा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मुद्दे पर केंद्र को घेरा है। उन्होंने सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
अशोक गहलोत का मोदी सरकार पर वार
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने Rajasthan News के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम अशोक गहलोत का एक वीडियो शेयर किया। इसमें गहलोत ने सरकार की नीतियों की पोल खोली है। उन्होंने पूछा कि बीजेपी सरकार ने 100 मीटर वाले उस फॉर्मूले को मान्यता क्यों दी? इसे तो सुप्रीम कोर्ट ने साल 2010 में ही खारिज कर दिया था। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार अरावली को बचाने नहीं, बल्कि बेचने में लगी है।
68 हजार एकड़ जमीन पर संकट
जयराम रमेश ने सरकार के आंकड़ों को भ्रामक बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ 0.19% अरावली क्षेत्र को खोलने का दावा कर रही है। लेकिन हकीकत में यह 0.19% हिस्सा करीब 68,000 एकड़ जमीन के बराबर है। यह कोई छोटा क्षेत्र नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि अरावली के टुकड़े करने से भारी पर्यावरणीय नुकसान होगा। पहाड़ पहले ही काफी नुकसान झेल चुके हैं। अब सरकार के नए कदम इस संकट को और गहरा कर देंगे।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
विवाद की मुख्य वजह सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला है। कोर्ट ने कहा है कि 100 मीटर से ऊंची पहाड़ी क्षेत्र को ही अरावली का हिस्सा माना जाएगा। इसका मतलब है कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियां अरावली नहीं मानी जाएंगी। इस फैसले के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। Rajasthan News में भी पर्यावरण प्रेमी और विपक्ष लामबंद हो गए हैं। विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार की सिफारिशों पर ही कोर्ट ने यह फैसला दिया है। सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
