Rajasthan News: राजस्थान सरकार निजी एसी बसों में संशोधन करने और उनके संचालन पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है। यह फैसला जैसलमेर में हुए बस हादसे के बाद लिया गया है। तीन दिन पहले निजी एसी स्लीपर बस में आग लगने से 22 लोगों की मौत हो गई थी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर परिवहन विभाग ने निजी एसी बसों की जांच शुरू की है। इस संबंध में शीघ्र ही आदेश जारी किए जाएंगे। परिवहन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार प्रदेश में 3,200 निजी एसी बसें संचालित हो रही हैं।
बसों की जांच में उजागर हुए गंभीर मामले
परिवहन विभाग ने दो दिन के अभियान में दो हजार बसों की जांच पूरी की। इनमें से दो सौ बसों को नियमों का उल्लंघन करने पर जब्त कर लिया गया। तीन सौ से अधिक बसों का चालान किया गया है। जांच में कई गंभीर कमियां सामने आई हैं।
संयुक्त आयुक्त ओपी बुनकर के नेतृत्व में चल रही जांच में पता चला कि अधिकांश बसों में आपातकालीन दरवाजों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। दरवाजों के पास यात्रियों के बैठने की सीटें बना दी गई थीं। इससे आपात स्थिति में यात्रियों के निकलने का मार्ग अवरुद्ध हो गया।
सुरक्षा मानकों में गंभीर चूक
जांच में सामने आया कि मोडिफाइड बसों में यात्रियों के पास केवल एक ही निकास द्वार रह गया था। आपातकालीन स्थिति में यह जानलेवा साबित हो सकता है। बस मालिकों ने अतिरिक्त सीटें जोड़ने के लिए सुरक्षा मानकों की अनदेखी की।
राज्य सरकार ने हादसे की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। यह टीम दो दिन से जैसलमेर में जांच कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान की टीम भी शुक्रवार को जैसलमेर पहुंची। दोनों टीमें हादसे के कारणों की जांच कर रही हैं।
सरकार की कार्रवाई जारी
परिवहन विभाग की जांच अभियान जारी है। शेष बसों की जांच शीघ्र पूरी की जाएगी। नियमों का पालन न करने वाली सभी बसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार बस सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने पर विचार कर रही है।
मोडिफाइड बसों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। नए दिशा-निर्देशों में बस निर्माण और संचालन के सख्त मानक तय किए जाएंगे। यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
