शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

राजस्थान: सरकारी दवा योजना में मिल रहे कफ सिरप को पीने से 5 साल के बच्चे की मौत, भरतपुर में भी कई लोग बीमार

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Jaipur News: राजस्थान में सरकारी निःशुल्क दवा योजना के तहत वितरित खांसी की सिरप ने एक बच्चे की जान ले ली। सीकर जिले के खोरी ब्राह्मणान गांव में पांच वर्षीय नितियांस की मौत हो गई। भरतपुर जिले में भी इसी दवा के सेवन से कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई। सरकार ने तत्काल प्रभाव से इस दवा के सभी बैचों पर रोक लगा दी है।

राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम ने खांसी की दवा के सभी 19 बैच वापस बुला लिए हैं। इन बैचों को बाजार और सभी स्वास्थ्य केंद्रों से हटा दिया गया है। दवा के नमूने प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने जांच और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

सीकर में मासूम की दर्दनाक मौत

सीकर जिले के खोरी ब्राह्मणान गांव के मुकेश शर्मा के बेटे नितियांस को रविवार को खांसी की शिकायत थी। चिराना स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से उसे खांसी की सिरप दी गई। सिरप पीने के बाद रात में बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी। परिजनों ने पानी पिलाकर उसे राहत देने की कोशिश की।

सोमवार सुबह जब बच्चे को अस्पताल ले जाया गया तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। पुलिस ने मामले की पुष्टि की है। एएसआई रोहिताश कुमार जांगिड़ ने बताया कि परिवार ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया।

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भरतपुर में डॉक्टर और ड्राइवर भी बीमार

भरतपुर जिले के बयाना क्षेत्र में तीन साल के बच्चे ने यही सिरप पी। सिरप पीते ही उसकी हार्टबीट असामान्य रूप से बढ़ गई। वह बेहोश हो गया। उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले की जांच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी और दो एम्बुलेंस ड्राइवरों ने खुद सिरप पीकर परीक्षण किया।

इन तीनों की भी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी की हालत अब स्थिर है। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया। अधिकारी तुरंत कार्रवाई के लिए पहुंचे। दवा के सभी स्टॉक जब्त कर लिए गए।

दवा पर लगी तत्काल रोक

राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम ने खांसी की दवा के सभी 19 बैच पर तत्काल रोक लगा दी है। इन बैचों को बाजार और सभी स्वास्थ्य केंद्रों से हटाकर जांच के लिए नमूने प्रयोगशाला भेजे गए हैं। सिरप पीने से मरीजों में उल्टी, चक्कर आना, बेचैनी और घबराहट जैसे लक्षण सामने आए हैं।

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कुछ मरीजों को गहरी नींद आने और बेहोशी की शिकायत भी हुई। प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि औषधि नियंत्रण अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं। दवा के बैच का विधिक नमूना लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा। इससे सटीक कारण का पता चल सकेगा।

सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल

सरकारी अस्पतालों में वितरित दवाओं की गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर सवाल उठे हैं। बच्चों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को लेकर माता-पिता के मन में डर बैठ गया है। सरकार की ओर से जांच का आश्वासन दिया गया है। लेकिन एक मासूम की जान जाने के बाद यह मुद्दा गंभीर हो गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के चिकित्सा अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। संदिग्ध बैच की दवाओं का इस्तेमाल तुरंत बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन पीड़ित परिवारों से संपर्क कर रहा है। आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट के बाद ही होगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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