शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

राजा भैया: संविधान से ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटाने की मांग, कांग्रेस पर साधा निशाना

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Uttar Pradesh News: यूपी की कुंडा सीट से विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटाने की मांग की है। एक निजी न्यूज चैनल के पॉडकास्ट में उन्होंने कहा कि ये शब्द हटाए जाने चाहिए ताकि संविधान अपनी मूल भावना में लौट सके।

राजा भैया का कांग्रेस पर हमला

राजा भैया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने इन शब्दों को शामिल नहीं किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी ने प्रस्तावना में संशोधन कर इन शब्दों को जोड़ा था। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या इंदिरा गांधी, बाबा साहब अंबेडकर या सरदार पटेल से बड़ी विद्वान थीं? यह तानाशाही थी।”

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‘समाजवाद’ पर सवाल

जब पूछा गया कि क्या वे समाजवाद के खिलाफ हैं, तो राजा भैया ने जवाब दिया, “क्या कांग्रेस समाजवाद चाहती थी? उनका तो समाजवाद से छत्तीस का आंकड़ा था। समाजवादी सोच कांग्रेस के डीएनए में नहीं है।” उन्होंने दावा किया कि दुनिया के कई देशों में संविधान नहीं है, लेकिन जहां है, वहां प्रस्तावना उसकी आत्मा होती है।

भारत की सनातन पहचान

राजा भैया ने कहा कि भारत सनातनी देश है और धर्मनिरपेक्षता की वजह यही है। उन्होंने कहा, “अंग्रेजों के जाने के समय अलामा इकबाल और जिन्ना ने कहा था कि मुसलमान हिंदुओं के साथ नहीं रह सकते, लेकिन हिंदुओं ने कभी ऐसा नहीं कहा।” उन्होंने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि भारत एक हिंदू राष्ट्र बने।

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संविधान निर्माताओं का सम्मान

राजा भैया ने संविधान निर्माताओं डॉ. भीमराव अंबेडकर, पंडित नेहरू, सरदार पटेल और सरोजनी नायडू का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने बाबू राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान का निर्माण किया था। उनका मानना है कि संविधान को उसके मूल स्वरूप में लौटना चाहिए।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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