शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव: सीमेंट ढुलाई की दर घटाकर 90 पैसे प्रति टन-किमी, घर बनाना होगा सस्ता

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National News: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सीमेंट परिवहन लागत कम करने का बड़ा फैसला किया है। रेलवे ने सीमेंट ढुलाई के लिए 90 पैसे प्रति जीटीकेएम की नई दर लागू की है। इससे सीमेंट की कुल लागत में कमी आएगी और आम लोगों को घर बनाना सस्ता होगा। यह फैसला मध्यमवर्गीय परिवारों को सीधा लाभ पहुंचाएगा।

रेल मंत्री ने मंगलवार को बल्क सीमेंट टर्मिनल नीति और कंटेनर दर युक्तिकरण कार्यक्रम के बाद इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेलवे ने थोक सीमेंट परिवहन के लिए 90 पैसे प्रति जीटीकेएम की एक समान दर तय की है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और लागत कम होगी।

नई दर का क्या है मतलब

जीटीकेएम का मतलब है ग्रॉस टन-किलोमीटर। नई दर के अनुसार एक किलोमीटर तक एक टन सीमेंट ढुलाई का खर्च 90 पैसे होगा। उदाहरण के लिए 100 टन सीमेंट को 200 किलोमीटर तक ले जाने का खर्च 1,800 रुपये होगा। यह पुरानी दरों से काफी कम है।

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अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए घर बनाने में सीमेंट की लागत बड़ा कारक होती है। परिवहन खर्च कम होने से सीमेंट की समग्र लागत में कमी आएगी। इसका सीधा फायदा घर बनाने वाले लोगों को मिलेगा।

विशेष टैंक कंटेनर विकसित

रेलवे ने थोक सीमेंट आवाजाही के लिए विशेष टैंक कंटेनर विकसित किया है। इस कंटेनर को सीधे सीमेंट फैक्ट्री में भरा जा सकता है। फिर इसे सीधे खपत वाले स्थानों तक पहुंचाया जा सकता है। इससे लॉजिस्टिक्स लागत में काफी कमी आएगी।

नई व्यवस्था से पारंपरिक स्लैब-आधारित परिवहन शुल्क समाप्त हो गए हैं। यह प्रणाली लंबे समय से चली आ रही थी। नई स्पष्ट और समान दर से सीमेंट निर्माताओं के लिए योजना बनाना आसान होगा। परिवहन लागत की गणना भी सरल होगी।

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उद्योग और उपभोक्ताओं को फायदा

यह कदम उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। सीमेंट निर्माता कंपनियों अब परिवहन लागत आसानी से calculate कर सकेंगी। रूट योजना भी बेहतर होगी। इससे अंततः उपभोक्ताओं को सस्ता सीमेंट मिलेगा।

भारत में सीमेंट परिवहन को सुव्यवस्थित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। नई व्यवस्था से रसद दक्षता में सुधार आएगा। सीमेंट की उपलब्धता बेहतर होगी। दूरदराज के इलाकों में भी सीमेंट आसानी से पहुंचेगा।रेलवे का यह फैसला बुनियादी ढांचे का विकास को गति देने में मददगार साबित होगा। कम लागत में सीमेंट उपलब्ध होने से निर्माण गतिविधियाँ बढ़ेंगे। अचल संपत्ति क्षेत्र को भी इससे लाभ मिलेगा। आम आदमी का घर बनाने का सपना साकार होगा।

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