Delhi News: कांग्रेस सांसद और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी (PM Narendra Mod) का समर्थन किया है. यूरोप दौरे पर गए राहुल गांधी ने बेल्जियम की राजधानी बेल्जियम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे रूस और यूक्रेन युद्ध के संबंध में प्रश्न पूछा गया. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि हमारे (भारत के) रूस के साथ अच्छे संबंध हैं. उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि मौजूदा केंद्र सरकार का इसको लेकर जो रुख है, विपक्षी पार्टियों का इससे कुछ अलग होता.
ब्रसेल्स में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, ‘हम काफी समय से विदेश में यात्राए कर रहे हैं और अलग-अलग लोगों से व भारतीय समुदाय के लोगों से मिल रहे हैं. यह यात्रा भी इसी यात्रा का हिस्सा है. ताकि समझ सकें कि क्या चल रहा है? और यह बताने की कोशिश भी कि देश में क्या चल रहा है.’
राहुल गांधी ने कहा, मैं यूरोपियन सांसदों को कोई संदेश देने नहीं आया हूं. ये एक इंटरएक्टिव सेशन था. एक्सचेंज of ideas थे. यूरोप और भारत के बीच में क्या सहयोग हो सकता है. उन्होंने कहा, हमने बात की जो चुनौतियां इंडिया में इस समय हैं. आर्थिक चुनौतियां, अन्य चुनौतियां, आम तौर पर डेमोक्रेटिक संस्थाओं पर जो हमले हो रहे हैं.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी से प्रश्न पूछा गया कि जब भारत में G20 बैठक चल रही है और ज्यादातर नेता भारत में हैं. उनकी प्रधानमंत्री और सरकारी अधिकारियों से मुलाकात भी होगी. क्या आपको लगता है कि हिंदू नेशनलिज्म को फ्रीपास दिया जा रहा है? इस पर राहुल गांधी ने कहा, ‘G20 एक महत्वपूर्ण चर्चा है. ये अच्छी बात है कि India इस Summit को होस्ट कर रहा है. निश्चित तौर पर इंडिया में कुछ मुद्दे हैं जो हमने उठाए हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि ये कहना कि वो फ्रीपास दे रहे हैं ये सही नहीं है.
राहुल गांधी से कश्मीर और आर्टिकल 370 पर भी सवाल किए गए. उनसे पूछा गया कि इन दोनों मुद्दों पर आपका क्या स्टैंड है. अगर आप सत्ता में आते हैं तो कश्मीर को लेकर आपकी क्या पॉलिसी होगी? इस पर राहुल गांधी ने कहा, ‘आर्टिकल 370 को लेकर हमारा स्टैंड बहुत स्पष्ट है. हमारी पार्टी की वर्किंग कमेटी ने ये रेजोल्यूशन पास किया था. हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर एक व्यक्ति को हमारे देश में अपनी बात रखने की इजाजत हो. हम चाहते हैं कि कश्मीर का विकास हो और वहां शांति कायम हो.
जब राहुल गांधी से जी20 समिट में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को न बुलाए जाने के संबंध में प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा, इसमें कौन सी बड़ी बात है? वह निर्णय ले चुके हैं कि विपक्ष के नेता को नहीं बुलाएंगे. यह सब आपको क्या संदेश देता है. इस तरह की बातें बताती हैं कि वह देश के 60 फीसद लोगों के नेता का सम्मान नहीं करते. इस बारे में लोगों को सोचना चाहिए.