New Delhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने गुरुवार को कहा कि सरकार उन्हें विदेशी प्रतिनिधिमंडलों और अधिकारियों से मिलने नहीं देती है। उनका कहना है कि यह लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन है। यह सरकार और विदेश मंत्री की असुरक्षा की भावना को दिखाता है।
रूस के प्रतिनिधिमंडल पर क्या बोले राहुल?
संसद भवन परिसर में पत्रकारों ने उनसे रूसी दल से मुलाकात पर सवाल पूछा था। इस पर राहुल गांधी ने जवाब दिया कि भारत में एक पुरानी परंपरा रही है। जब भी कोई विदेशी मेहमान आता है, तो वह नेता प्रतिपक्ष से भी मिलता है। यह चलन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के समय से भी पहले का है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने इस स्थापित परंपरा को पूरी तरह तोड़ दिया है।
‘विदेशी मेहमानों को दिया जाता है निर्देश’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जब वह विदेश जाते हैं या विदेशी नौकरशाह भारत आते हैं, तो स्थिति अलग होती है। सरकार इन मेहमानों को निर्देश देती है कि वे नेता प्रतिपक्ष से मुलाकात न करें। उन्हें कई बार यह जानकारी मिली है कि विदेशी प्रतिनिधियों को भारत सरकार की ओर से उनसे न मिलने को कहा गया है। यह सरकार की संकीर्ण सोच को दर्शाता है।
लोकतंत्र की भावना के खिलाफ
रायबरेली से सांसद ने कहा कि भारत और रूस के बीच रिश्ते हमेशा अच्छे रहे हैं। हालांकि, किसी भी मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष का भी अपना एक दृष्टिकोण होता है। यह दृष्टिकोण देश के हित में ही होता है। देश का प्रतिनिधित्व सिर्फ सरकार ही नहीं करती है। विपक्ष भी लोकतांत्रिक तरीके से देश की आवाज उठाता है। इसके बावजूद सरकार विपक्ष को विदेशी प्रतिनिधियों से दूर रखती है। यह लोकतंत्र की मूल भावना के विपरीत है।
