Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनके बयान पर फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि उन्होंने चीन के कब्जे का मुद्दा संसद में क्यों नहीं उठाया। राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अनुच्छेद 19(1)(ए) का हवाला देकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव किया। कोर्ट ने मानहानि मामले में नोटिस जारी किया और तीन सप्ताह में जवाब मांगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
राहुल गांधी का विवादित बयान
2023 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने दावा किया था कि चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा किया। उन्होंने कहा कि एक पूर्व सैनिक ने उन्हें यह जानकारी दी। राहुल ने यह भी कहा कि भारतीय प्रेस इस मुद्दे पर सवाल नहीं उठाता। उनके इस बयान पर मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि यह बात सोशल मीडिया पर क्यों कही गई।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से सवाल किया कि वह एक जिम्मेदार नेता हैं। कोर्ट ने पूछा कि सीमा विवाद पर ऐसी बातें कहना उचित है। जस्टिस दत्ता ने कहा कि बिना विश्वसनीय जानकारी के ऐसे दावे नहीं करने चाहिए। कोर्ट ने पूछा कि राहुल को चीन के कब्जे की जानकारी कैसे मिली। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा। संसद में सवाल उठाने की सलाह दी गई।
वकील का पक्ष
राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि राहुल गांधी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। उन्होंने कहा कि मानहानि मुकदमा दायर करने की जरूरत नहीं थी। सिंघवी ने दलील दी कि राहुल को संज्ञान से पहले सुनवाई का मौका नहीं मिला। उन्होंने कोर्ट से कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल को बोलने का अधिकार है। कोर्ट की भावना को समझते हुए उन्होंने जवाब दिया।
कोर्ट की कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में नोटिस जारी किया और जवाब के लिए तीन सप्ताह का समय दिया। कोर्ट ने मानहानि मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी। मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ की एमपी-एमएलए अदालत के समन आदेश को चुनौती देने वाली राहुल की याचिका खारिज की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल ने हाईकोर्ट में अलग दलील दी थी। मामले की सुनवाई जारी रहेगी।
बयान का विवाद
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि चीन ने 20 भारतीय सैनिकों को मारा और अरुणाचल प्रदेश में सैनिकों की पिटाई की। उन्होंने प्रेस पर भी सवाल उठाए। इस बयान के बाद उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि ऐसे मुद्दों को संसद में उठाना चाहिए। राहुल के बयान ने राजनीतिक और कानूनी विवाद को जन्म दिया। कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है।
