India News: चुनाव आयोग की रविवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस ने पहली प्रतिक्रिया जाहिर की है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग के उस दावे को हास्यास्पद बताया है जिसमें आयोग ने कहा था कि वह सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच कोई भेदभाव नहीं करता। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर सुप्रीम कोर्ट के 14 अगस्त के आदेश को पूरी तरह लागू करेगा।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर किया पलटवार
कांग्रेस ने चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया को खारिज करते हुए कहा कि आयोग की न केवल “अक्षमता” बल्कि “पक्षपात” भी पूरी तरह उजागर हो गया है। जयराम रमेश ने कहा, “आज, राहुल गांधी द्वारा सासाराम से ‘इंडिया’ जनबंधन की मतदाता अधिकार यात्रा शुरू करने के कुछ ही देर बाद, चुनाव आयुक्तों ने यह दावा करना शुरू कर दिया कि वे सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच कोई अंतर नहीं करते।”
उन्होंने आगे कहा कि यह पहली बार था जब ‘नया’ चुनाव आयोग सीधे बयान दे रहा था, न कि सूत्रों के माध्यम से। कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग के एक प्रेस नोट की भी आलोचना की, जिसमें मतदाता सूची में सुधार की जिम्मेदारी राजनीतिक दलों और व्यक्तियों पर डाली गई थी। इस प्रेस नोट की विपक्षी दलों और आम जनता ने तीखी आलोचना की थी।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को दिया 7 दिन का अल्टीमेटम
चुनाव आयोग ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। आयोग ने कहा कि अगर राहुल गांधी वोट चोरी के आरोपों को साबित करने के लिए हलफनामा नहीं देते हैं, तो उनके दावों को निराधार माना जाएगा। साथ ही, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दोहरे मतदान और ‘वोट चोरी’ के आरोपों को बिना सबूत के खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सवाल
कांग्रेस ने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के 14 अगस्त के आदेश का पालन करेगा, जिसमें बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि वह मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख नामों का विवरण सार्वजनिक करे।
कांग्रेस का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया के तहत लाखों पात्र मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं, जिससे उनका मताधिकार छिन रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और इसे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
राहुल गांधी की मतदाता अधिकार यात्रा
इस बीच, राहुल गांधी ने बिहार में ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ शुरू की है। यह यात्रा 6 दिनों तक चलेगी और राज्य के 25 जिलों से गुजरेगी। इस यात्रा का उद्देश्य मतदाताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और चुनाव आयोग की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाना है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेता इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं।
चुनाव आयोग और विपक्ष के बीच तनाव बना हुआ है, जबकि आयोग अपनी निष्पक्षता पर जोर दे रहा है, विपक्ष चुनाव प्रक्रिया में सुधार की मांग कर रहा है।
