New Delhi News: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50% टैरिफ को चिंताजनक बताया है। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत को किसी एक व्यापारिक साझेदार पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी। अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के कारण 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है।
वैश्विक व्यापार में बदलाव
राजन ने कहा कि आज की वैश्विक व्यवस्था में व्यापार, निवेश और वित्त को तेजी से हथियार बनाया जा रहा है। उन्होंने भारत को सावधानी से कदम उठाने की सलाह दी। उनका मानना है कि भारत को पूर्व, यूरोप और अफ्रीका की ओर देखना चाहिए। इससे देश को 8-8.5% की विकास दर हासिल करने में मदद मिलेगी।
रूसी तेल नीति की समीक्षा
राजन ने रूस से तेल आयात की नीति का फिर से मूल्यांकन करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यह देखना जरूरी है कि इससे किसे फायदा हो रहा है और किसे नुकसान। रिफाइनर अत्यधिक लाभ कमा रहे हैं जबकि निर्यातक टैरिफ की कीमत चुका रहे हैं। उन्होंने इस नीति की पुनर्समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।
निर्यात बाजारों में विविधता
राजन ने निर्यात बाजारों में विविधता लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को किसी एक देश पर बहुत अधिक निर्भर नहीं रहना चाहिए। व्यापार, निवेश और वित्त को हथियार बना दिया गया है। भारत को अपने आपूर्ति स्रोतों और निर्यात बाजारों में विविधता लानी होगी। यह देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता
राजन ने संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि टैरिफ से छोटे निर्यातकों जैसे झींगा किसानों और कपड़ा निर्माताओं को नुकसान होगा। अमेरिकी उपभोक्ता भी 50% टैक्स देकर सामान खरीदेंगे। व्यापार में आसानी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एकीकरण जरूरी है। घरेलू फर्मों के बीच मजबूत प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।
