Business News: रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अमेरिका की व्यापार नीतियों पर चिंता जताई है। उन्होंने अमेरिकी संसद में चर्चा के दौरान HIRE एक्ट को भारत के लिए बड़ा खतरा बताया। राजन ने कहा कि यह कानून H-1B वीजा से भी अधिक खतरनाक साबित हो सकता है।
अमेरिकी मीडिया को दिए इंटरव्यू में राजन ने भारत को सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि HIRE अधिनियम का प्रभाव दीर्घकालिक हो सकता है। भारत को इसके गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
सेवा क्षेत्र के लिए खतरा
रघुराम राजन ने कहा कि HIRE एक्ट भारत के सेवा निर्यात और वैश्विक प्रतिभा के लिए खतरा है। इस कानून के कारण भारत के सेवा क्षेत्र पर टैरिफ लग सकता है। इसका असर लंबे समय तक भारत की अर्थव्यवस्था पर रह सकता है।
उन्होंने बताया कि H-1B वीजा शुल्क में वृद्धि से भारतीयों को अल्पकालिक परेशानी हुई। लेकिन HIRE एक्ट के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। भारत की मुख्य चिंता वस्तुओं पर नहीं बल्कि सेवाओं पर टैरिफ की संभावना है।
टैरिफ दरों पर चिंता
राजन ने कहा कि भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। यह चीन पर लगने वाले 47 प्रतिशत टैरिफ से भी अधिक है। ये टैरिफ भारतीय उद्योगों को प्रभावित कर रहे हैं। भारत को इन्हें कम करने पर जोर देना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि भारत के लिए 10-20 प्रतिशत टैरिफ उचित रहेगा। भारत को अपने टैरिफ इसी सीमा में रखने का प्रयास करना चाहिए। श्रम प्रधान उद्योगों में टैरिफ कम करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में स्थिति
रघुराम राजन ने कहा कि भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी स्थिति बचाने के लिए तेजी से कार्य करना चाहिए। टैरिफ दरों में कमी लाने के प्रयास त्वरित होने चाहिए। उच्च टैरिफ भारतीय उद्योगों की प्रतिस्पर्धा क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं।
अमेरिकी कांग्रेस में HIRE अधिनियम पर चर्चा जारी है। इसका उद्देश्य आउटसोर्स सेवाओं पर टैरिफ लगाना है। अभी तक टैरिफ लगाने के तरीके के बारे में स्पष्टता नहीं है। इसके लागू होने पर भारत को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
