International News: आयरलैंड की राजधानी डबलिन में एक भारतीय नागरिक पर नस्लीय हमला हुआ। 19 जुलाई 2025 को टैलाघ्ट के पार्कहिल रोड पर 13 लोगों की भीड़ ने 40 वर्षीय व्यक्ति को घेर लिया। हमलावरों ने उसे पीटा, कपड़े फाड़े और ब्लेड से घायल किया। झूठे आरोपों के आधार पर यह हिंसा भड़की। गार्डा पुलिस ने इसे हेट क्राइम के रूप में जांच शुरू की। पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
झूठी अफवाहों ने भड़काई हिंसा
हमले का कारण सोशल मीडिया पर फैली झूठी अफवाह थी। हमलावरों ने भारतीय नागरिक पर बच्चों के सामने अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया। गार्डा पुलिस ने इन आरोपों को खारिज किया। जांच में पाया गया कि दक्षिणपंथी समूहों ने ऐसी अफवाहें फैलाईं। इस नस्लीय हमले ने डबलिन में अप्रवासी-विरोधी भावनाओं को उजागर किया। पुलिस ने लोगों से जानकारी साझा करने की अपील की। पीड़ित तीन सप्ताह पहले ही आयरलैंड आया था।
हमले की बर्बरता
प्रत्यक्षदर्शी आयरिश महिला ने बताया कि 13 हमलावरों ने भारतीय नागरिक को घेरकर बुरी तरह पीटा। उन्होंने ब्लेड से सिर और शरीर पर गहरे घाव किए। पीड़ित के कपड़े फाड़ दिए गए, जिससे वह शर्मिंदगी में था। महिला ने उसे कंबल देकर मदद की और पुलिस को सूचना दी। उनकी गवाही जांच में महत्वपूर्ण है। पीड़ित को 19 जुलाई को अस्पताल ले जाया गया और 20 जुलाई को छुट्टी मिली।
स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया
स्थानीय नेता पॉल मर्फी और सीन क्रो ने नस्लीय हमले की निंदा की। मर्फी ने इसे टैलाघ्ट में हाल के हमलों की कड़ी बताया। क्रो ने इसे ‘घृणित’ करार दिया। दोनों ने गार्डा से सख्त कार्रवाई की मांग की। भारतीय राजदूत अखिलेश मिश्रा ने भी हमलावरों के खिलाफ न्याय की मांग की। स्थानीय समुदाय ने 25 जुलाई को ट्रीपार्क रोड पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई। यह प्रदर्शन अप्रवासियों के समर्थन में है।
नस्लवाद की बहस तेज
यह नस्लीय हमला आयरलैंड में नस्लवाद की बहस को तेज कर रहा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, चार दिनों में चार भारतीयों पर चाकू या ब्लेड से हमले हुए। गार्डा ने इसे हेट क्राइम की जांच शुरू की। आयरिश न्याय मंत्री जिम ओ’कैलाघन ने कहा कि आप्रवासियों को अपराधी ठहराना गलत है। जेल आंकड़ों से पता चला कि आप्रवासियों का अपराध दर उनकी जनसंख्या से कम है।
