Rabi Ul Awwal Moon Sighting 2023: लखनऊ में रबी उल अव्वल का चांद हो गया है। इस तरह रबी उल अव्वल की पहली तारीख 17 सितंबर को होगी। इसके साथ ही 28 सितंबर को मिलाद उन नबी को होगी। इसको लेकर मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर व काजी-ए-शहर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने ऐलान किया है। दरअसल, रबी उल अव्वल इस्लामी कैलेंडर का तीसरा मास है। इस मास में हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म दिन मीलाद उन-नबी मनाया जाता है।
काजी-ए-शहर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि आज 29 सफर यानी 16 सितम्बर 2023 ई० को रबी-उल-अव्वल का चांद हो गया है। इसलिए रबी-उल-अव्वल की पहली तारीख 17 सितम्बर 2023 को होगी। साथ ही मीलाद-उन-नबी 28 सितम्बर 2023 को होगी। वहीं मिल रही जानकारी के अनुसार मिलाद उन नबी इस्लाम धर्म के मानने वालों के कई वर्गों में एक प्रमुख त्यौहार है।
इस शब्द का मूल मौलिद है जिसका अर्थ अरबी में जन्म है। अरबी भाषा में ‘मौलिद-उन-नबी’ का मतलब है, हज़रत मुहम्मद का जन्मदिन है। यह त्यौहार 12 रबी अल-अव्वल को मनाया जाता है, मिलाद उन नबी संसार का सबसे बड़ा जश्न माना जाता है। 1588 में उस्मानिया साम्राज्य में यह त्यौहार का प्रचलन जन मानस में सर्वाधिक प्रचलित हुआ। ईद मिलाद-उन-नबी पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिवस की याद में मनाया जाता है। यह उत्सव मोहम्मद साहब के जीवन और उनकी शिक्षाओं की भी याद दिलाता है।
मिलाद-उन-नबी इस्लामी माह के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 11वें और 12वें दिन मनाया जाता है। मोहम्मद साहब ने अल्लाह के हुक्म से जिस धर्म को चलाया, उसे इस्लाम कहा जाता है। ईद मिलाद-उन-नबी के दिन घर, मस्जिद और कार्यक्षेत्र को सजाया जाता है और धूमधाम से पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्मदिन मनाया जाता है। इस दिन कुरान का पाठ करते हैं और उनके संदेशों को जीवन में उतारते हैं। मोहम्मद साहब के सम्मान में इस दिन हर जगह जुलूस निकाले जाते हैं और लोग इस दिन गरीबों व जरूरतमंदों को दान व जकात करते हैं।
मिलाद-उन-नबी की रात को अल्लाह की इबादत की जाती है। 571 ईस्वी में मोहम्मद साहब का जन्म सउदी अरब के मक्का शहर में हुआ था। उनके वालिद साहब (पिता) का नाम अबदुल्ला बिन अब्दुल मुतलिब था और वालेद (माता) का नाम आमेना था। बताया जाता है कि 40 साल की उम्र में अल्लाह ने मोहम्मद साहब की ओर संदेश प्राप्त हुआ और फरमाया कि ये सभी सूर्य, चंद्रमा, तारे मैने दुनिया को दिए हैं। मुझे ही हमेशा याद में रखो। केवल मैं ही हूं और मेरा कोई मानी-सानी नहीं। लोगों को यह समझाओ।