New Delhi News: विश्वप्रसिद्ध पुरी रथ यात्रा के तीन रथों के पहिए अब संसद भवन में स्थापित किए जाएंगे। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने इसकी जानकारी दी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पुरी यात्रा के दौरान यह प्रस्ताव रखा गया था। उन्होंने इस प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लिया।
तीनों देवताओं के रथों से लिए जाएंगे पहिए
एसजेटीए के प्रमुख प्रशासक अरविंद के अनुसार तीन पहिए अलग-अलग रथों से लिए जाएंगे। भगवान जगन्नाथ के रथ नंदीघोष से एक पहिया लिया जाएगा। देवी सुभद्रा के रथ दर्पदलन और भगवान बलभद्र के रथ तालध्वज से भी एक-एक पहिया लिया जाएगा। ये तीनों पहिए दिल्ली भेजे जाएंगे।
संसद में संस्कृति का दूसरा प्रतीक
यह संसद परिसर में स्थापित होने वाला संस्कृति का दूसरा प्रतीक होगा। इससे पहले 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में सेंगोल स्थापित किया था। सेंगोल ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। इसे 1947 में सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया गया था।
ऐतिहासिक निर्णय
यह निर्णय भारतीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुरी रथ यात्रा भारत की सबसे प्रसिद्ध धार्मिक यात्राओं में से एक है। संसद में इन पहियों की स्थापना देश की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देगी। इससे संसद भवन का महत्व और बढ़ेगा।
