Punjab News: पंजाब की राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने एक दावा किया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा बनने के लिए पांच सौ करोड़ रुपये चुकाने पड़ते हैं। इसके बाद अब भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
सुनील जाखड़ ने दावा किया कि कांग्रेस के एक उम्मीदवार के करीबी ने उन्हें जानकारी दी थी। उस जानकारी के अनुसार एक नेता को मुख्यमंत्री का पद तीन सौ पचास करोड़ रुपये में मिला था। जाखड़ ने यह बात एक प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों के सामने रखी। इससे राज्य में राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है।
कांग्रेस के आंतरिक हालात पर सवाल
नवजोत कौर सिद्धूके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जाखड़ ने कहा कि यह कांग्रेस के अंदरूनी हालात दिखाता है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू खुद मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। जाखड़ के अनुसार कांग्रेस के एक सांसद ने भी पहले ही चिंता जताई थी।
उस सांसद ने कहा था कि कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब में डाकू भेजे हैं। जाखड़ ने इस बात को दोहराया। उनका कहना था कि ये डाकू स्थानीय नेताओं को लूटने आए हैं। भारतीय चुनाव आयोग के मानदंडों के अनुसार चुनावी व्यय की सीमा तय होती है। ऐसे आरोप गंभीर चुनावी सुधार के मुद्दे उठाते हैं।
पदों के लिए बोलियां लगने का आरोप
भाजपाप्रदेश अध्यक्ष ने सीधे तौर पर कांग्रेस पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पदों के लिए अब बोलियां लग रही हैं। उनके अनुसार वहां लोगों की काबिलियत नहीं बल्कि उनकी जेब देखी जा रही है। जाखड़ ने इसे राष्ट्रीय पार्टी के लिए चिंता का विषय बताया।
उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी में ऐसी स्थिति देश और लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं है। जाखड़ ने जोर देकर कहा कि ये आरोप विपक्ष की पार्टी नहीं बल्कि कांग्रेस के अपने नेता लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये नेता अभी भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार बने हुए हैं।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में राजनीतिक दलों के भीतर असंतोष के मुद्दे सामने आते रहे हैं। यह घटना एक बार फिर दलों के आंतरिक लोकतंत्र पर सवाल खड़े करती है। देश में चुनावी बोली प्रथा के खिलाफ कानून मौजूद हैं। फिर भी ऐसे आरोप लगातार सामने आते रहते हैं।
राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में यह नया विवाद एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है। दोनों ही आरोप लगाने वाले व्यक्ति राजनीति के बड़े नाम हैं। नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। सुनील जाखड़ राज्य में भाजपा के प्रमुख नेता हैं।
इन आरोपों ने पार्टियों के भीतर की कथित सौदेबाजी को सार्वजनिक कर दिया है। इससे आम जनता में नेताओं और पार्टियों के प्रति अविश्वास बढ़ने की आशंका है। राजनीतिक दलों से अक्सर पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की जाती रही है। यह मामला उन मांगों को और मजबूत करता है।
अब देखना यह है कि इन गंभीर आरोपों पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है। क्या पार्टी इन आरोपों का खंडन करेगी या फिर आंतरिक जांच का एलान करेगी। राज्य की जनता इन सभी घटनाक्रमों पर गौर कर रही है। आने वाले समय में इसका राजनीतिक प्रभाव स्पष्ट होगा।
