Maharashtra News: पुणे में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर एक बुजुर्ग महिला से नब्बे लाख रुपये की ठगी हुई है। यह महिला एलआईसी की रिटायर्ड कर्मचारी हैं। साइबर ठगों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया। यह घटना अक्तूबर महीने में हुई है।
पुणे सिटी साइबर पुलिस ने मामले की पुष्टि की है। महिला कोथरूड इलाके की निवासी हैं। उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया जो खुद को डेटा प्रोटेक्शन एजेंसी का अधिकारी बता रहा था। उसने दावा किया कि महिला के आधार कार्ड से जुड़े नंबर का गलत इस्तेमाल हो रहा है।
वीडियो कॉल के जरिए हुई बातचीत
महिला की बात एक अन्य व्यक्ति से कराई गई जिसने खुद को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जॉर्ज मैथ्यू बताया। सारी बातचीत वीडियो कॉल के माध्यम से हुई। आरोपियों ने महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए। उन्हें बैंक खाते फ्रीज होने की धमकी दी गई।
ठगों ने निर्मला सीतारमण के हस्ताक्षर वाला एक फर्जी दस्तावेज दिखाया। महिला से कहा गया कि उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रखा जाएगा। उन्हें पूरा पैसा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के खाते में जमा करने को कहा गया।
कई खातों में किया पैसा ट्रांसफर
महिला ने भरोसा करके नब्बे लाख रुपये की रकम कई खातों में ट्रांसफर कर दी। ठगों ने भरोसा बनाए रखने के लिए एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट की फर्जी रसीद दिखाई। बाद में जब महिला ने ठगों से संपर्क करने की कोशिश की तो सभी फोन नंबर बंद मिले।
इसके बाद महिला ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जांचकर्ता बैंक खातों और फोन नंबरों की जांच कर रहे हैं। साइबर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
वरिष्ठ अधिकारियों के नाम का दुरुपयोग
साइबर पुलिस के डीसीपी ने बताया कि वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के नाम का दुरुपयोग चिंताजनक है। ठग नए-नए तरीकों से लोगों को फंसा रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट का नाम लेकर लोगों को डराया जा रहा है।
पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि वह अज्ञात नंबरों पर विश्वास न करें। किसी भी तरह के फोन कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। साइबर क्राइम से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है।
साइबर ठगों के नए तरीके
साइबर ठग लगातार नए तरीके अपना रहे हैं। वह सरकारी अधिकारियों की नकल करते हैं। फर्जी दस्तावेज दिखाकर लोगों को डराते हैं। डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर पैसे ऐंठते हैं। लोगों को ऐसे ठगों से सावधान रहने की जरूरत है।
पुलिस साइबर ठगी के मामलों में तेजी से कार्रवाई कर रही है। बैंक खातों को फ्रीज किया जा रहा है। संदिग्धों की पहचान की जा रही है। तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से जांच आगे बढ़ रही है। पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।