India News: एक 24 वर्षीय युवा बॉडीबिल्डर दाल खाने के बाद अस्पताल पहुंचा। उसे चलने में दिक्कत और कमजोरी महसूस हो रही थी। डॉक्टरों ने पाया कि दाल में मिलावट होने की वजह से उसके दिमाग की नसें डैमेज हो गईं। इससे उसे पैरालिसिस हो गया। यह घटना दाल में होने वाली खतरनाक मिलावट की ओर इशारा करती है।
कैसे दाल बन गई जानलेवा?
डॉक्टर अदितिज धमीजा के मुताबिक, यह मामला एक युवा बॉडीबिल्डर का है। वह प्रोटीन की जरूरत पूरी करने के लिए रोजाना दाल खाता था। उसकी तबीयत खराब होने पर जांच में पता चला कि दाल में मिलावट थी। यह मिलावट उसके शरीर के लिए जहर का काम कर रही थी। इससे उसकी सेहत बिगड़ी और उसे पैरालिसिस का सामना करना पड़ा।
अरहर दाल में होती है केसरी दाल की मिलावट
डॉक्टर ने बताया कि अरहर दाल सबसे ज्यादा मिलावट की शिकार होती है। इसमें केसरी दाल मिलाई जाती है। केसरी दाल देखने में अरहर दाल जैसी ही लगती है। लेकिन इसमें ऐसे टॉक्सिन होते हैं जो दिमाग को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह दिमाग की नसों को खराब कर देती है। इससे पैरालिसिस का खतरा बढ़ जाता है।
दाल खरीदते समय बरतें सावधानी
डॉक्टर धमीजा ने दाल खरीदने को लेकर कुछ सलाह दी है। हमेशा पैकेटबंद दाल ही खरीदें। सड़क किनारे बिकने वाली सस्ती दालों से परहेज करें। अगर दाल का रंग या स्वाद अजीब लगे तो उसे न खाएं। सेहत बचाने के लिए थोड़े महंगे ब्रांड की दाल ही लेना बेहतर है।
मिलावट की पहचान कैसे करें?
मिलावटी दाल की पहचान करना जरूरी है। केसरी दाल का रंग थोड़ा भूरा होता है। अरहर दाल के मुकाबले यह थोड़ी मोटी भी हो सकती है। दाल को पानी में भिगोकर देखें। अगर रंग तेजी से निकलने लगे तो सतर्क हो जाएं। हमेशा विश्वसनीय दुकान से ही दाल की खरीदारी करें।
