कोरोना से निपटने में हिमाचल प्रदेश सरकार पूरी तरह विफल रही है। हर रोज 800 से ज्यादा मरीज सामने आ रहे है और लोगों की मृत्यु दर में भी भारी इजाफा हुआ है। दिन प्रतिदिन हालात बेहद खराब और खतरनाक होते जा रहे है। शिमला बंद, कांगड़ा में उपायुक्त कार्यालय बंद, शिमला में पुलिस अधीक्षक आफिस बंद ऐसे कई मामले हिमाचल में हो चुके है लेकिन सरकार कोरोना को लेकर जरा भी गंभीर नही है। उधर हॉस्पिटलों में भी मरीजों के इलाज की स्थिति भी बेहद खराब है। हिमाचल के कोने कोने से लोग स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठा रहे है। लेकिन किसी को कोई फर्क नही पड़ रहा।
ताजा घटना शिमला के आईजीएमसी की है जहां एक महिला की कोरोना से मौत हो गई और उसके पति ने मेडिकल कॉलेज के बाहर धरने पर बैठ गया। धरने के कारण महिला का सही से इलाज नही करना और उसके चलते मौत बताया जा रहा है। उसका कहना था कि हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों के साथ इलाज में लापरवाही की जा रही है। जिसके चलते कोरोना मरीजों की मौत हो रही है। उसकी पत्नी की मौत सुबह 6बजे हो गई थी लेकिन मेडिकल कॉलेज वालों में उसको जानकारी 10 बजे दी।
आईजीएमसी में इस समय 90 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज है और सभी के साथ आए लोगों ने हॉस्पिटल के प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए है। मृतका के पति के धरने से आईजीएमसी में भारी हंगामा हुआ। जिसके चलते पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर आना पड़ा। तब जाकर मामला शांत करवाया गया।
मंडी के नेरचौक हॉस्पिटल पर सोशल मीडिया में लगे आरोप
उधर मंडी के नेरचौक हॉस्पिटल पर भी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों ने कोरोना मरीजों की ठीक से देखभाल नही करने के आरोप लगाए है।
