West Bengal News: कोलकाता में आरजी कर अस्पताल मामले में नबान्न मार्च के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पीड़िता की मां ने पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। मार्च पिछले साल हुई दुष्कर्म-हत्या की बरसी पर था। प्रदर्शनकारी नबान्न पहुंचकर न्याय मांग रहे थे। पुलिस ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश पर लाठीचार्ज किया। कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। यह विवाद सुर्खियों में है।
पीड़िता की मां का आरोप
पीड़िता की मां ने कहा कि पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। मार्च के दौरान उनकी शंख चूड़ी टूट गई। उनके सिर में चोट आई। उन्होंने कहा कि वे नबान्न पहुंचकर बेटी के लिए न्याय मांगना चाहती थीं। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। यह मार्च आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म-हत्या की पहली बरसी पर था। मां ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प
प्रदर्शनकारी रानी रश्मोनी रोड से नबान्न की ओर बढ़े। पुलिस ने विद्यासागर सेतु पर बैरिकेड लगाए। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने पार्क स्ट्रीट पर लाठीचार्ज किया। कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। पुलिस ने पानी की बौछारें भी इस्तेमाल कीं। भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए। प्रदर्शनकारियों ने तिरंगा और बैनर के साथ न्याय की मांग की। स्थिति तनावपूर्ण रही।
विपक्ष का धरना और आरोप
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने धरना दिया। उन्होंने अग्निमित्रा पॉल और अन्य भाजपा विधायकों के साथ प्रदर्शन किया। अधिकारी ने दावा किया कि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए। उन्होंने पीड़िता के माता-पिता के घायल होने का भी आरोप लगाया। अधिकारी ने ममता बनर्जी की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन और बड़ा होगा। भाजपा ने बिना पार्टी झंडे के मार्च में हिस्सा लिया।
पीड़िता के पिता की शिकायत
पीड़िता के पिता ने पुलिस पर रैली रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दी थी। फिर भी पुलिस ने डोरीना क्रॉसिंग पर उन्हें रोका। पिता ने कहा कि लोगों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को अनुचित बताया। प्रदर्शनकारी नबान्न पहुंचकर सरकार से जवाब मांगना चाहते थे।
सुरक्षा और यातायात पर असर
कोलकाता और हावड़ा में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई। पुलिस ने बैरिकेड, पानी की बौछारें और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की। हावड़ा और विद्यासागर सेतु पर यातायात बंद किया गया। ड्रोन से निगरानी की गई। नबान्न के आसपास धारा 163 लागू की गई। प्रदर्शनकारियों को सचिवालय पहुंचने से रोका गया। इससे शहर में यातायात प्रभावित हुआ। पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने का दावा किया।
मामले का पृष्ठभूमि
पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर की दुष्कर्म-हत्या हुई थी। इस मामले ने पूरे देश में आक्रोश फैलाया। कोलकाता पुलिस ने शुरुआती जांच की। बाद में केस सीबीआई को सौंपा गया। जनवरी 2025 में संजय रॉय को दोषी ठहराया गया। पीड़िता के परिवार और कार्यकर्ता अभी भी पूर्ण न्याय की मांग कर रहे हैं।
