Delhi News: दिल्ली विधानसभा ने शुक्रवार को निजी स्कूलों की फीस वृद्धि को नियंत्रित करने वाला विधेयक पारित किया। भाजपा सरकार द्वारा पेश यह विधेयक अभिभावकों के हितों की रक्षा करेगा। चार घंटे की बहस के बाद विधेयक को मंजूरी मिली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे ऐतिहासिक बताया। विधेयक अब उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। यह शिक्षा में पारदर्शिता लाएगा।
विधेयक की मुख्य विशेषताएं
यह विधेयक निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाएगा। स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले खर्च और सुविधाओं का ब्योरा देना होगा। बिना अनुमति फीस वृद्धि पर एक से दस लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा। बार-बार उल्लंघन पर स्कूल की मान्यता रद्द हो सकती है। सरकार जरूरत पड़ने पर स्कूल का संचालन भी कर सकती है। यह अभिभावकों को मजबूत अधिकार देगा।
विधानसभा में हुई तीखी बहस
विधानसभा में विधेयक पर चार घंटे तक चर्चा हुई। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक देखने को मिली। आप ने आठ संशोधन प्रस्तावित किए, लेकिन सभी खारिज हो गए। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि विधेयक अभिभावकों के हित में है। विपक्ष ने फीस वृद्धि की अनुमति देने का आरोप लगाया, जिसे सरकार ने गलत बताया।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधेयक को अभिभावकों के लिए रक्षक बताया। उन्होंने कहा कि यह 1973 के बाद पहला ऐसा कानून है जो अभिभावकों के हितों की रक्षा करेगा। यह शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही लाएगा। गुप्ता ने कहा कि विधेयक विशेषज्ञों और अभिभावकों से चर्चा के बाद तैयार किया गया। उन्होंने पूर्व आप सरकार पर शिक्षा क्रांति के खोखले नारे देने का आरोप भी लगाया।
शिक्षा मंत्री ने दी सफाई
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विधेयक में 10 प्रतिशत फीस वृद्धि की अनुमति का कोई प्रावधान नहीं है। आप सरकार ने 2016-23 के बीच कई स्कूलों को फीस बढ़ाने की मंजूरी दी थी। सूद ने बताया कि नए विधेयक में अभिभावकों को वीटो पावर मिलेगा। अगर पांच में से एक अभिभावक भी सहमत न हो, तो फीस नहीं बढ़ेगी।
अभिभावकों को मिलेगा लाभ
यह विधेयक दिल्ली के 18 लाख बच्चों और उनके अभिभावकों को लाभ देगा। स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति फीस वृद्धि पर सख्त कार्रवाई होगी। अगर स्कूल समय पर अतिरिक्त वसूली वापस नहीं करता, तो जुर्माना दोगुना हो जाएगा। यह विधेयक शिक्षा को मुनाफाखोरी का साधन बनने से रोकेगा।
उपराज्यपाल को भेजा गया विधेयक
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने विधेयक को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल वी के सक्सेना को भेजा। उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही इसे मंजूरी देगी। यह विधेयक दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में नया बदलाव लाएगा। निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी। अभिभावकों को पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था मिलेगी। यह विधेयक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार का एक कदम है।
