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गुरूवार, 21 सितम्बर,2023

एजी चौक पर निजी होटल ने बिना अनुमति काट डाले कई पेड़, जानें क्या कहते है जमीन के मालिक और लोग

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Shimla News: आपदा में अवसर ढूंढने वाले लोग शिमला में इन दिनों पेड़ों को इस कद्र काट रहे हैं, मानों पशुओं के लिए घास काटा जा रहा है। शहर के वीआईपी रोड में सरेआम बिना किसी के अनुमति के पेड़ काटे जा रहे हैं। हैरत इस बात की है कि यहां से करीब 200 मीटर दूर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का कार्यालय भी है। यहां तक कि नगर निगम और वन विभाग का कार्यालय भी यहीं स्थित है। उन्हें भी यहां पर पेड़ काटने की कोई खबर ही नहीं है।

जहां एक ओर प्रशासन दावे कर रहा है कि शहर उन्हीं पेड़ों को काटा जा रहा है, जो घरों या किसी इमारत को खतरा बने हैं, लेकिन शहर के एजी चौंक के बिना अनुमति के सुरक्षित पेड़ों को काटा गया है। यहां पर निजी होटल प्रबंधन ने इन पेड़ों को काटा है। वहीं, हिमालयन बह्म समाज संस्था ने दावा किया है कि यह जमीन संस्था की थी और बिना एनओसी के इनकी जमीन पर पेड़ काटे गए हैं। जहां पर पेड़ काटे गए हैं, वहां एक वीआईपी रोड है और यहां पर बिना किसी अनुमति के टहनी तक नहीं काटी जाती है, लेकिन यहां पर बड़े पेड़ों पर आरी चलाई गई है। बिना प्रशासन के डर से यहां पर करीब पांच से सात पेड़ों को काटा गया है।

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बता दें कि यह पेड़ काफी पुराने थे, लेकिन मजबूत पेड़ थे। नियमों को भी सरेआम ठेंगा दिखाया गया है। दूसरी ओर सुरेंद्र चौहान का भी कहना है कि ट्री कमेटी गठित ही नहीं हुई है। ऐसे में पेड़ काटने के लिए एसडीएम पेड़ों को काटने के लिए पहले वन विभाग को आवेदनों को देता है और उसके बाद वन विभाग पेड़ों का जायजा लेते हैं, उसके बाद ही पेड़ों को काटने का फैसला लिया जाता है, लेकिन ऐजी चौंक के पास जो पेड़ काटे गए हैं उसके लिए एसडीएम ने कोई भी रिपोर्ट वन विभाग को नहीं दी थी और न ही कोई आर्डर एसडीएम ने काटने के दिए थे।

यहां पर एक निजी होटल प्रबंधन ने बिना प्रशासन के डर से सरेआम पांच पेड़ काटे हैं। सवाल यह खड़ा होता है प्रशासन को इसकी खबर क्यों नहीं हुई। इन पेड़ों को बचाया जा सकता था। इन पेड़ों को दिन में ही काटा गया है। ऐसे में भी प्रशासन इन पेड़ों के काटे जाने पर भी प्रशासन बेखर था। बता दें कि यह विधानसभा के समीप ही काटे गए हैं यहां पर प्रशासन का आना-जाना अकसर चला रहता है। बावजूद इसके यहां पर अवैध तरीके से पेड़ काटे हैं।

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सूखे पेड़ों को काटने की भी नहीं मिली थी अनुमति

एजी चौंक के पास कई सूखे पेड़ भी थे जिनके काटने के लिए यहां के लोगों ने प्रशासन को पत्र भी दिया था, लेकिन यह पेड़ खतरनाक न होने के कारण सूखे पेड़ों को काटने के लिए भी अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन आपदा में अवसर ढूंढने वाले लोगों ने यहां पर पांच पेड़ों को काट दिया है। जहां शहर के लोगों ने एमसी को भी सैकड़ों पेड़ों को काटने की अर्जियां दी थी, उस पर भी जायजा लेकर ही पेड़ काटे गए हैं, लेकिन लोगों ने सरकार की अनुमति लेना सही न समझकर स्वयं ही पेड़ों को काटना शुरू कर दिया है। यहां पर प्रदेश सरकार के कायदे कानून की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई है।

क्या कहते हैं लोग और जमीन मालिक

स्थानीय लोगों का कहना है कि मंगलवार को यह पेड़ बिलकुल सही थे और भारी बरसात में भी यह पेड़ सुरक्षित थे बावजूद इन पेड़ों को काटा गया और यहां की सुंदरता को खराब किया गया है। इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए वहीं, हिमालयन ब्रह्म समाज के ट्रस्टी ललीत वर्मा ने बताया कि जिस जमीन पर यह पेड़ काटे गए हैं वह संस्था की जमीन है। यहां पर गुरुवार को पेड़ काटे जा रहे हैं, वह स्थानीय लोगों ने बताया कि संस्था की जमीन पर पेड़ काटे जा रहे हैं। ऐसे में जो पेड़ काटे गए हैं वह संस्था के हैं। संस्था से इन पेड़ों को काटने के लिए कोई एनओसी नहीं ली गई थी। इसके अलावा इस बात की भी खबर नहीं दी गई कि यहां पर पेड़ काटे जा रहे हैं। इस मामले को लेकर हम एसडीएम शहरी को शिकायत पत्र देंगे और पेड़ काटने वालों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।

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