World News: ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू को अपने बचे-खुचे शाही अधिकारों से भी हाथ धोना पड़ा है। किंग चार्ल्स तृतीय ने यह कठोर कदम उठाया है। यह फैसला तब आया जब जेफ्री एप्सटीन से उनके रिश्ते को लेकर नए खुलासे सामने आए। एंड्रयू लंबे समय से शाही परिवार की मुश्किलों की मुख्य वजह बने हुए थे। पिछले चार दशकों में वह कई विवादों और आरोपों में घिरते रहे।
नए खुलासों में एप्सटीन को भेजा गया एक ईमेल सामने आया है। इसमें एंड्रयू ने लिखा था कि हम इसमें साथ हैं और हमें इससे ऊपर उठना होगा। यह ईमेल फरवरी 2011 का है। इसी दौरान एंड्रयू ने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि उन्होंने एप्सटीन से सारे संबंध तोड़ दिए हैं।
चार दशकों का विवादों भरा सफर
प्रिंस एंड्रयूbका विवादों भरा इतिहास 1984 से शुरू होता है। लॉस एंजिल्स में एक निर्माण स्थल का दौरा करते हुए उन्होंने पत्रकारों पर पेंट छिड़क दिया था। इस दौरान वह मुस्कुराते हुए कह रहे थे कि मजा आया। साल 2007 में उन्होंने विंडसर कैसल के पास अपनी हवेली बेची। यह सौदा 1.5 करोड़ पाउंड में हुआ।
खरीदार ने मांग से बीस प्रतिशत ज्यादा कीमत दी थी। खरीदार कजाखिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति नजरबायेव का दामाद था। इससे प्रभाव खरीदने के आरोप लगे। साल 2010 में एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आया। इसमें एंड्रयू की पूर्व पत्नी सारा फर्ग्यूसन को पैसे लेकर राजकुमार तक पहुंच बेचते दिखाया गया।
एप्सटीन कांड और गिरती साख
साल 2011 में एप्सटीन से संबंध उजागर होने के बाद एंड्रयू को ब्रिटेन के विशेष व्यापार दूत के पद से इस्तीफा देना पड़ा। साल 2019 में एप्सटीन को नाबालिग लड़कियों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जेल में उसने आत्महत्या कर ली। इसके बाद एंड्रयू पर भी नाबालिग पीड़िता से संबंध के आरोप लगे।
एंड्रयू ने इन आरोपों का पुरजोर इनकार किया। इसी साल बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने एप्सटीन का बचाव किया। उन्होंने पीड़ितों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई। उनके इन बयानों ने मामले को और बिगाड़ दिया। इससे शाही परिवार की चिंताएं बढ़ गईं।
शाही परिवार की कार्रवाई
नवंबर 2020 में बकिंघम पैलेस ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि एंड्रयू सभी शाही कर्तव्यों से अनिश्चित काल तक दूर रहेंगे। इसके महज चार दिन बाद उनसे 230 चैरिटी संगठनों की जिम्मेदारी भी ले ली गई। साल 2022 में उन्होंने वर्जीनिया ज्यूफ्रे द्वारा लगाए गए यौन शोषण के मामले में अदालती समझौता किया।
माना जाता है कि उन्होंने करीब एक करोड़ डॉलर का समझौता किया। हालांकि उन्होंने आरोप नहीं माने। साल 2024 में उनके एक संदिग्ध चीनी कारोबारी से रिश्ते सामने आए। ब्रिटेन ने इस कारोबारी को सुरक्षा खतरा बताते हुए देश से निकाल दिया।
ताजा खुलासे और अंतिम कदम
अप्रैल 2025 में वर्जीनिया ज्यूफ्रे ने ऑस्ट्रेलिया में आत्महत्या कर ली। इसके बाद अक्टूबर 2025 में ब्रिटिश मीडिया ने नया खुलासा किया। उन्होंने एप्सटीन को भेजा गया वह ईमेल सार्वजनिक किया जिसने एंड्रयू के लिए आखिरी दरवाजा बंद कर दिया। इस ईमेल से एंड्रयू के झूठ का पर्दाफाश हुआ।
किंग चार्ल्स ने इसके बाद तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने एंड्रयू को उनके बचे-खुचे शाही अधिकारों से वंचित कर दिया। यह कदम शाही परिवार की ओर से सख्त संदेश देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला शाही परिवार की छवि बचाने के लिए जरूरी था।
