Himachal News: हिमाचल प्रदेश में वन विभाग को हो रहे नुकसान का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय में उठाने के बाद केंद्रीय वन मंत्रालय हरकत में आ गया है. वन निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची के पत्र का प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है और मामला वन मंत्रालय को भेज दिया है.
मंत्रालय ने वन विभाग के प्रधान मुख्य संरक्षक को इस मामले का निरीक्षण कर उचित कार्रवाई करने को कहा है. इस पत्र में खाची ने सराज के थुनाग में पानी में लकड़ी बह जाने समेत नुकसान के कई उदाहरण भी दिए हैं. इसमें लिखा था कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बारिश ने भारी तबाही मचाई है.
राज्य में 68 फीसदी वन क्षेत्र का दावा किया गया है, लेकिन राज्य में वन क्षेत्र का दायरा सिर्फ 28 फीसदी है. ऐसे में राज्य में वन क्षेत्रों के संरक्षण की बेहद जरूरत है. इस बारिश में हजारों पेड़ उखड़ गये. भूस्खलन भी हुआ. खाची ने कहा कि ऐसे में राज्य में वन क्षेत्र को भरपूर मदद की जरूरत है. जो 1000 करोड़ रुपये तक वांछित है. इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव संजय कुमार मिश्रा ने यह पत्र वन मंत्रालय को भेज दिया. सहायक वन महानिरीक्षक सियाम खान ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र भेजकर इस संबंध में सारी जानकारी मांगी है.