India News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरीनी अमरासूरिया से मुलाकात की। यह मुलाकात भारत और श्रीलंका के ऐतिहासिक संबंधों को नई गति देने के उद्देश्य से हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंकाई प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को और सुदृढ़ बनाएगी। उन्होंने इस वर्ष अप्रैल में श्रीलंका की अपनी राजकीय यात्रा को याद किया। उस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति अनुरा कुमारा डिसानायका के साथ उपयोगी चर्चाएं की थीं।
भारत-श्रीलंका सहयोग के नए आयाम
दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। शिक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया गया। विकास सहयोग और मछुआरों के कल्याण जैसे मुद्दों पर भी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-श्रीलंका के विशेष संबंधों को रेखांकित किया।
उन्होंने साझा विकास यात्रा में मिलकर काम करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति डिसानायका को अपनी शुभकामनाएं भेजीं। उन्होंने भविष्य में निरंतर संवाद की आशा जताई। दोनों देशों के बीच संबंधों के नए अध्याय की शुरुआत हुई।
मिस्र के विदेश मंत्री से मुलाकात
इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने मिस्र के विदेश मंत्री डॉ. बद्र अब्देलाती से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने गाजा शांति समझौते में मिस्र की अहम भूमिका के लिए राष्ट्रपति सीसी को बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
विदेश मंत्री अब्देलाती ने प्रधानमंत्री को पहली भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता की जानकारी दी। यह वार्ता उनकी यात्रा के दौरान आयोजित की गई थी। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा मिली।
भारत-मिस्र संबंधों में प्रगति
प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापार, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। रक्षा और जन-से-जन संबंधों में हो रही प्रगति पर भी चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच सहयोग के नए रास्ते खुल रहे हैं।
ये द्विपक्षीय मुलाकातें भारत की विदेश नीति की सक्रियता को दर्शाती हैं। पड़ोसी देशों के साथ संबंध मजबूत करना भारत की प्राथमिकता बनी हुई है। क्षेत्रीय सहयोग और आर्थिक विकास को नई गति मिल रही है।
