New Parliament Building Raw: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्देश देने वाली जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने जनहित याचिका दाखिल करते हुए कहा कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। ऐसा करके संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है।
विपक्षी पार्टियों ने किया उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का एलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नई संसद का उद्घाटन करेंगे। कांग्रेस सहित 19 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार का एलान किया है। विपक्षी नेताओं का कहना है पीएम की बजाय राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए। मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। कोर्ट में दाखिल की गई पीआईएल में मांग की गई है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए।
‘सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है’
जनहित याचिका में कहा गया है कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। ऐसा करके संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच याचिका पर सुनवाई करेगी।