Mathura News: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के निधन की अफवाहों ने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा दिया। मथुरा पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इन खबरों का खंडन करते हुए बताया कि महाराज पूरी तरह स्वस्थ हैं। पुलिस ने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की है।
यह मामला तब सामने आया जब महाराज के आश्रम की ओर से चार अक्टूबर को एक नोटिस जारी किया गया। इसमें बताया गया कि महाराज के अस्वस्थ होने के कारण रात्रिकालीन भ्रमण स्थगित रहेगा। इसके दो दिन बाद सोशल मीडिया पर महाराज की गंभीर बीमारी के वीडियो वायरल होने लगे।
सोशल मीडिया पर कैसे फैली अफवाह?
फेसबुक यूजर सुनील पंडित ने महाराज के निधन की दुखद खबर पोस्ट की। इसके बाद यह अफवाह तेजी से फैलने लगी। एक्स प्लेटफॉर्म पर यूजर @annushreex ने पूछा कि क्या महाराज के बारे में आई खबर सच है। कई अन्य यूजर्स ने भी इसी तरह के सवाल पोस्ट किए।

हालांकि कुछ यूजर्स ने इन खबरों का खंडन भी किया। इस दौरान एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि महाराज अस्पताल में भर्ती हैं और उनका रोजाना डायलिसिस हो रहा है। इन सभी खबरों ने भक्तों के बीच दहशत फैला दी।
पुलिस ने कैसे किया खंडन?
मथुरा पुलिस ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए त्वरित कार्रवाई की। पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर सभी अफवाहों का खंडन किया। पोस्ट में स्पष्ट लिखा गया कि परम पूज्य संत प्रेमानंद महाराज जी पूर्णत: स्वस्थ हैं।
पुलिस ने आगे कहा कि कृपया झूठी और निराधार अफवाहें न फैलाएं। ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के इस बयान के बाद फेसबुक यूजर सुनील पंडित ने अपनी पोस्ट एडिट कर माफी मांग ली।
महाराज ने खुद दी सफाई
प्रेमानंद महाराज ने बुधवार को सोशल मीडिया के जरिए सफाई दी। उन्होंने अपने आधिकारिक अकाउंट भजन मार्ग पर एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में महाराज ने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से निजी चर्चा में व्यस्त थे।
उन्होंने कहा कि कलियुग के प्रभाव में झूठ का बोलबाला बढ़ गया है। महाराज ने भक्तों को आश्वासन दिया कि वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने भक्तों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
आश्रम की ओर से जारी नोटिस का क्या था मकसद?
श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम की ओर से चार अक्टूबर को जारी नोटिस में स्पष्ट किया गया था कि महाराज के अस्वस्थ होने के कारण रात्रिकालीन भ्रमण स्थगित रहेगा। नोटिस में भक्तों से अनुरोध किया गया था कि वे दर्शन के लिए सड़क पर न खड़े हों।
इस नोटिस का उद्देश्य महाराज के स्वास्थ्य लाभ के दौरान उन्हें आराम देना था। लेकिन कुछ लोगों ने इस नोटिस को गलत तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने महाराज की स्थिति को गंभीर बताकर अफवाहें फैलानी शुरू कर दीं।
सोशल मीडिया पर गलत खबरों का कैसा रहा असर?
महाराज के निधन की अफवाहों ने भक्तों के बीच गहरी चिंता पैदा की। कई भक्त आश्रम पहुंचे तो कुछ फोन करके जानकारी लेने लगे। भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची। कुछ भक्त सोशल मीडिया पर भावुक होकर अपनी प्रतिक्रियाएं देने लगे।
इस घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने की समस्या को उजागर किया। लोगों ने बिना सत्यापन के खबरों को शेयर करना शुरू कर दिया। इससे एक छोटी सी जानकारी बड़ा रूप ले सकती है।
