Uttar Pradesh News: प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते हैं। उनसे मिलने के लिए एक व्यवस्थित टोकन प्रणाली लागू की गई है। यह प्रक्रिया भक्तों की सुविधा और अनुशासन बनाए रखने के लिए शुरू की गई है।
श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में दर्शन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध हैं। टोकन पूरी तरह निशुल्क जारी किए जाते हैं। किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।
ऑनलाइन बुकिंग प्रक्रिया
ऑनलाइन बुकिंग के लिए Vrindavan Ras Mahima वेबसाइट पर जाना होगा। वहां Contact पेज में जाकर फॉर्म भरना होता है। फॉर्म में नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल जैसी जानकारी देनी होती है।
विषय में Ekantik Vartalap का विकल्प चुनना होता है। फॉर्म सबमिट करने के बाद मिलने वाली रसीद को प्रिंट कर लेना चाहिए। यह रसीद आश्रम के गेट पर दिखानी अनिवार्य होती है।
ऑफलाइन टोकन व्यवस्था
ऑफलाइन टोकन के लिए सीधे आश्रम जाना होता है। रजिस्ट्रेशन सुबह 9:00 बजे के बाद शुरू होता है। यह टोकन अगले दिन के दर्शन के लिए वैध होता है।
टोकन लेते समय मूल पहचान पत्र साथ रखना आवश्यक है। आधार कार्ड या कोई अन्य सरकारी पहचान पत्र स्वीकार किया जाता है। टोकन की संख्या सीमित होती है।
प्रेमानंद जी महाराज का परिचय
प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज श्री राधा रानी के परम भक्त हैं। उनका जन्म कानपुर के समीप एक छोटे से गांव में हुआ था। बचपन से ही उनमें आध्यात्मिक प्रवृत्ति देखी जा सकती थी।
युवावस्था में ही उन्होंने सांसारिक जीवन का त्याग किया। वृंदावन में उन्होंने तप और साधना का जीवन अपनाया। आज वे श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में निवास करते हैं।
दर्शन के नियम
आश्रम में सख्त अनुशासन का पालन किया जाता है। दर्शन के समय मौन रहने की सलाह दी जाती है। मोबाइल फोन का उपयोग प्रतिबंधित है।
सादे और सफेद वस्त्र धारण करने की अनुशंसा की जाती है। आश्रम परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है। सभी भक्तों से शांति और संयम बनाए रखने का अनुरोध किया जाता है।
आश्रम का पता
श्री हित राधा केली कुंज आश्रम परिक्रमा मार्ग, वृंदावन में स्थित है। यह स्थान मथुरा जिले में आता है। निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन है।
दिल्ली से वृंदावन की दूरी लगभग 150 किलोमीटर है। बस और टैक्सी सेवाएं आसानी से उपलब्ध हैं। आश्रम तक पहुंचने के लिए स्थानीय वाहनों का सहारा लिया जा सकता है।
