Himachal News: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब नए गैस कनेक्शन जारी करने से पहले फिजिकल वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दी गई है। शिमला में जिलास्तरीय उज्ज्वला समिति की बैठक में इस संबंध में निर्देश जारी किए गए। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में यह बैठक आयोजित हुई।
केंद्र सरकार के नए नियमों के अनुसार आवेदनकर्ता की केवाईसी होने के बाद पंचायत सचिवों के माध्यम से फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई जाएगी। उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है।
योजना के अंतर्गत प्रति गैस कनेक्शन के लिए 2050 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। उज्ज्वला योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे भारत में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना है। इससे अशुद्ध जीवाश्म ईंधन के उपयोग में कमी आएगी।
अयोग्य घोषित होने वाले मानक
बैठक में बताया गया कि कुछ मानकों पर खरे उतरने वाले लोग इस योजना के लिए अयोग्य घोषित किए जाएंगे। परिवार का कोई सदस्य दस हजार रुपये से अधिक मासिक आय अर्जित करता हो तो वह अयोग्य होगा। व्यवसायिक कर की अदायगी करने वाले भी योजना के पात्र नहीं होंगे।
आयकर का भुगतान करने वाले और सरकारी कर्मचारी भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। पचास हजार रुपये से अधिक लिमिट वाला किसान क्रेडिट कार्ड धारक भी अयोग्य माना जाएगा। ढाई एकड़ से अधिक सिंचाई योग्य भूमि वाले लोग भी पात्र नहीं होंगे।
पांच एकड़ से अधिक भूमि और साल में दो फसलें होने वाले किसान भी योजना के दायरे से बाहर रहेंगे। थ्री व्हीलर या फोर व्हीलर वाहन धारक भी लाभ के पात्र नहीं होंगे। पहले से एलपीजी कनेक्शन वाले परिवार भी नए कनेक्शन के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।
बैठक में उपस्थित लोग
इस बैठक में जिला नियंत्रक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग नरेंद्र धीमान उपस्थित रहे। शुभव गोयल और एचपीसीएल के एरिया मैनेजर विक्रम सिंह ने भी बैठक में भाग लिया। कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस बैठक में मौजूद रहे।
उज्ज्वला योजना का लक्ष्य स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना है। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार आएगा। खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन उपलब्ध होने से पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से लाभकारी साबित हो रही है।
