Himachal News: वरिष्ठ भाजपा नेता शांताकुमार ने जनसंख्या नियंत्रण पर जोर दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की प्राकृतिक आपदाओं पर टिप्पणी का स्वागत किया। कोर्ट ने विकास और निर्माण के नाम पर प्रकृति के दोहन की चेतावनी दी थी। शांताकुमार ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि इसकी जड़ है। हिमाचल की आबादी 1971 में 34.6 लाख थी, जो अब 78.5 लाख है। यह संसाधनों पर दबाव डाल रही है।
जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव
शांताकुमार ने बताया कि 1947 में भारत की आबादी 34 करोड़ थी, जो 2025 में 142 करोड़ हो गई। हिमाचल में भी आबादी तेजी से बढ़ी है। जनसंख्या नियंत्रण की कमी से वन कटान, रेत-बजरी माफिया और संसाधनों का अत्यधिक दोहन बढ़ा है। इससे प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने गरीबी, बेरोजगारी और अपराध के लिए भी जनसंख्या वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को उन्होंने सही बताया।
कानून की मांग
शांताकुमार ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के लिए ठोस कानून की जरूरत बताई। उनका कहना है कि बिना इस समस्या पर नियंत्रण के प्राकृतिक आपदाओं से बचना मुश्किल होगा। जनसंख्या वृद्धि संसाधनों पर दबाव बढ़ा रही है। इससे पर्यावरण और विकास पर गंभीर असर पड़ रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
अन्य गतिविधियां
शांताकुमार ने विधायक सुधीर शर्मा को आपदा पीड़ितों के लिए 60 लाख रुपये देने के लिए सराहा। उन्होंने वाइस एडमिरल बने संजय वात्स्यायन को भी बधाई दी। जनसंख्या नियंत्रण पर उनके बयान ने हिमाचल में पर्यावरण और विकास के मुद्दों पर चर्चा को तेज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी को उन्होंने गंभीरता से लेने की सलाह दी।
