शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

पौंग बांध जलस्तर: खतरे के निशान से 4.56 फीट ऊपर, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

Share

Kangra News: पौंग बांध का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। शुक्रवार को जलस्तर 1394.56 फीट दर्ज किया गया। यह स्तर खतरे के निशान से 4.56 फीट अधिक है। बढ़ते जलस्तर के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और रेस्क्यू टीमों को तैनात किया है।

ब्यास नदी में लगातार पानी छोड़े जाने के बावजूद स्थिति नियंत्रण में नहीं आई है। फतेहपुर और इंदौरा विधानसभा क्षेत्रों के मंड क्षेत्र के गांव पिछले डेढ़ महीने से प्रभावित हैं। बांध में पानी का बढ़ता स्तर चिंता का प्रमुख कारण बना हुआ है।

बुधवार को जलस्तर 1395.24 फीट के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। उस समय बांध में 74,910 क्यूसेक पानी की आमद दर्ज की गई थी। अठारह सितंबर की सुबह आंकड़ों में कुछ सुधार देखा गया। उस दिन इनफ्लो 37,248 क्यूसेक था।

आउटफ्लो 59,845 क्यूसेक रहा। इस पानी को स्पिलवे और टर्बाइन के जरिए छोड़ा गया। स्पिलवे से 42,953 क्यूसेक पानी की निकासी हुई। टर्बाइन से 16,892 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

यह भी पढ़ें:  उपायुक्त मंडी: आपदा राहत के लिए नंगे पांव चले, कीचड़ में फंसी चप्पलें; नंगे पांव जारी रखा सफर

प्रशासन की तैयारियाँ

एस डीएम फतेहपुर विश्रुत भारतीने स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बांध का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। प्रशासन ने हर संभव तैयारी कर ली है। रेस्क्यू टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन के निर्देशों का पालन करना जरूरी है। जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। सोलह सितंबर को जलस्तर 1394.85 फीट था। सत्रह सितंबर को यह बढ़कर 1395.24 फीट हो गया।

अठारह सितंबर की सुबह तक यह 1394.88 फीट पर पहुंचा। उन्नीस सितंबर को जलस्तर में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट 1394.56 फीट तक रही। इस दिन इनफ्लो 44,780 क्यूसेक दर्ज किया गया।

आउटफ्लो 59,845 क्यूसेक ही बनाए रखा गया। स्पिलवे से 42,953 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। टर्बाइन से 16,892 क्यूसेक पानी की निकासी हुई। यह प्रक्रिया लगातार जारी है।

यह भी पढ़ें:  Police Suspension: हिमाचल पुलिस के 4 जवान चंडीगढ़ में शराब खरीदने के लिए सस्पेंड, जानें क्यों

शाहनहर नहर प्रणाली को नुकसान

पौंग बांध से छोड़े जा रहे पानी का असर शाह नहर नहर पर भी पड़ा है। जलशक्ति विभाग लगभग चार हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा नहीं दे पा रहा है। इससे किसानों की फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

जलशक्ति विभाग के धर्मशाला जोन के मुख्य अभियंता दीपक गर्ग ने स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों के साथ शाहनहर का दौरा किया। दीपक गर्ग ने बताया कि बीबीएमबी द्वारा छोड़े गए पानी से नहर प्रणाली को नुकसान हुआ है।

वर्ष 2023 से अब तक विभाग को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। अनुमानित नुकसान छह से सात करोड़ रुपये का है। विभाग ने नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी।

डीसी कांगड़ा के माध्यम से यह रिपोर्ट बीबीएमबी को भी सौंपी जाएगी। इस कदम से नुकसान की भरपाई की उम्मीद की जा रही है। स्थानीय लोगों को इस स्थिति से राहत मिलने की प्रतीक्षा है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News