शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

पॉक्सो केस: नाबालिग छात्रा के अपहरण में आरोपी को 5 साल की सजा, गुजरात से हुई थी बरामद

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Bihar News: औरंगाबाद के एक पॉक्सो मामले में विशेष न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। नाबालिग छात्रा के अपहरण के आरोप में अदालत ने आरोपी को पांच साल की सख्त सजा दी है। विशेष पॉक्सो न्यायाधीश ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाया। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा चलाया गया था।

अभियुक्त गौतम कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 137(2) के तहत पांच साल के सश्रम कारावास की सजा मिली है। न्यायालय ने उस पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत तीन साल की सजा और दस हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है।

जुर्माना नहीं भरने पर अतिरिक्त सजा

न्यायालय नेस्पष्ट किया कि जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर आरोपी को तीन-तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। विशेष लोक अभियोजक शिवलाल मेहता ने बताया कि अभियुक्त गौतम कुमार 22 सितंबर 2024 से ही जेल में बंद है।

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पीड़िता के भाई ने दर्ज कराई थी एफआईआर

इस मामलेकी शुरुआत पीड़िता के भाई की शिकायत से हुई थी। उसने 24 अगस्त 2024 की घटना की जानकारी देते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि उसकी मां अपना इलाज कराने दिल्ली गई हुई थीं। इस दौरान उसकी 16 वर्षीय बहन बिना किसी को बताए घर से गायब हो गई।

गुजरात से हुई थी बरामदगी

जांच मेंपता चला कि नाबालिग लड़की टंडवा थाना क्षेत्र के इटवां गांव निवासी गौतम कुमार के साथ चली गई थी। आरोप था कि आरोपी ने लड़की को शादी का झांसा देकर उसका अपहरण किया था। पुलिस ने घटना के बीस दिन बाद आरोपी और पीड़िता को गुजरात से बरामद किया था।

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पांच गवाहों ने दी थी गवाही

अभियुक्त कोगिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। प्रशिक्षु एसआई अमित कुमार ने 16 नवंबर 2024 को इस मामले में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान पांच गवाहों ने अदालत में अपनी गवाही दी थी। इन गवाहियों ने आरोपी के खिलाफ मामला मजबूत किया था।

न्यायालय ने सभी सबूतों और गवाहियों का अध्ययन करने के बाद यह फैसला सुनाया। इस सजा से नाबालिगों के खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी आने की उम्मीद है। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार किया था। न्यायालय ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए निर्णय दिया।

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