शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

PMGSY: हिमाचल प्रदेश में बनेंगी 1538 किलोमीटर नई सड़कें, 2271 करोड़ रुपये की स्वीकृति

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Himachal News: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण में हिमाचल प्रदेश को एक बड़ी सौगात मिली है। केंद्र सरकार ने प्रदेश में 294 नई सड़कों के निर्माण के लिए 2271 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इन सड़कों की कुल लंबाई लगभग 1538 किलोमीटर होगी जो दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बढ़ाएगी।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि हिमाचल की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रावधान किए गए हैं। पीएमजीएसवाई-1 के तहत बनी पुरानी सड़कों की मरम्मत और सुधार का कार्य भी चौथे चरण के साथ जोड़ा गया है। इससे पुराने मार्गों की गुणवत्ता में सुधार होगा।

मंत्री ने लोगों से अपील की कि जहां निजी भूमि पर सड़क निर्माण प्रस्तावित है, वहां भूमि मालिक विभाग के नाम गिफ्ट डीड करें। इससे निर्माण कार्य समय पर पूरा हो सकेगा। विशेषकर पहाड़ी और आदिवासी इलाकों में यह कदम विकास कार्यों में तेजी लाएगा।

सड़क गुणवत्ता पर सख्त नजर

राज्य में टायरिंग के काम की गुणवत्ता को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। कुछ स्थानों से गुणवत्ता संबंधी शिकायतें मिलने के बाद एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है। यह समिति सचिव की अध्यक्षता में एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी।

विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट किया कि दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण इलाकों में बनने वाली सड़कें पूरी तरह से टिकाऊ और गुणवत्तापूर्ण हों। इससे पहले भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है।

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आपदा से हुई भारी क्षति

इस वर्ष आई प्राकृतिक आपदा ने हिमाचल प्रदेश के सड़क नेटवर्क को भारी क्षति पहुंचाई है। मंत्री के अनुसार इस आपदा से राज्य को लगभग चार हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। भरमौर, ओट, लुहरी और सेंज जैसे क्षेत्रों में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है।

केंद्र सरकार से अब तक 1500 करोड़ रुपये की सहायता नहीं मिल पाई है। इसके बावजूद राज्य सरकार अपने संसाधनों से बहाली कार्य में जुटी हुई है। वर्तमान में लगभग 50 सड़कें अभी भी बंद हैं जिन्हें शीघ्र खोलने के प्रयास जारी हैं।

नई सड़कों से मिलेगा लाभ

नई सड़कों के निर्माण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा। किसानों और स्थानीय उद्यमियों को बाजार तक पहुंच आसान होगी। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार आएगा। दुर्गम इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा सुविधाएं भी बेहतर होंगी।

पीएमजीएसवाई का मुख्य उद्देश्य असंबद्ध ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में सड़क से जोड़ना है . इस योजना से ग्रामीण आबादी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार आता है . बाजार, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच बेहतर होती है।

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विकास के साथ संस्कृति का सम्मान

मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जोर देकर कहा कि विकास के साथ-साथ देव परंपराओं और स्थानीय मान्यताओं का सम्मान करना भी उतना ही जरूरी है। इससे भविष्य में किसी तरह के विवादों से बचा जा सकेगा। सड़क निर्माण कार्यों में स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

ठेकेदारों के भुगतान को लेकर मंत्री ने बताया कि कुछ भुगतान जारी कर दिए गए हैं। ट्रेजरी की दिक्कतें दूर होते ही बाकी भुगतान भी जल्द किए जाएंगे। इससे निर्माण कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। सरकार ने अवैध डंपिंग करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई का फैसला किया है।

पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों को विशेष लाभ

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पहाड़ी राज्यों के लिए विशेष प्रावधान हैं . पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों और हिमालयी केंद्र शासित प्रदेशों में 250 या उससे अधिक की आबादी वाली बस्तियों को जोड़ा जाता है . इससे दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लाभ मिलता है।

योजना के नए मापदंडों के अनुसार, बारहमासी सड़क से 500 मीटर या इससे अधिक दूरी पर स्थित बसाहटों को संपर्क विहीन माना जाएगा . इस नियम से और अधिक ग्रामीण बस्तियों को सड़क संपर्क का लाभ मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी गांव सड़क से अछूता न रहे।

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