India News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 सितंबर, 2025 को देश के नाम अपने संबोधन में ‘GST बचत उत्सव’ की शुरुआत का ऐलान किया। यह उत्सव 22 सितंबर से शुरू होगा और इसके तहत जीएसटी के दो स्लैब- 5% और 18% ही रहेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य आम लोगों के लिए रोजमर्रा की वस्तुओं को सस्ता करना और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की पहल को मजबूती देना है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ‘हर घर को स्वदेशी से सजाना है, विदेशी को भगाना है’ का मंत्र दिया। इस कदम से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की जेब पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और उन्हें सालाना लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है।
इस नई व्यवस्था के तहत, पहले 12% टैक्स स्लैब में आने वाले 99% सामान अब केवल 5% जीएसटी के दायरे में होंगे। इससे साबुन, शैंपू, पनीर, घी, रोटी-पराठा जैसे रोजमर्रा के उत्पाद सस्ते होंगे। टीवी, फ्रिज, बाइक और छोटी कारें जैसे बड़े सामान भी कम दरों के कारण अधिक किफायती हो जाएंगे।
जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों को पूरी तरह से टैक्स-फ्री कर दिया गया है। साथ ही, 33 जरूरी दवाओं पर भी कोई जीएसटी नहीं लगेगा। यह कदम लोगों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा को और सस्ता एवं सुलभ बनाएगा।
वैश्विक संदर्भ में भारत की आत्मनिर्भरता की पहल
पीएम मोदी का यह ऐलान एक ऐसे समय में आया है जब अमेरिका की टैरिफ नीतियों और H-1B वीजा शुल्क में भारी वृद्धि जैसे मुद्दे चर्चा में हैं। भारत का ‘मेड इन इंडिया’ पर जोर देना वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की एक स्पष्ट रणनीति प्रतीत होती है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि देश का सबसे बड़ा दुश्मन विदेशों पर निर्भरता है। उन्होंने हर दुकान को स्वदेशी उत्पादों से सजाने और हर भारतीय से गर्व से ‘मैं स्वदेशी खरीदता हूं’ कहने का आह्वान किया।
MSME क्षेत्र को मिलेगा लाभ
इस नई नीति का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) क्षेत्र पर सीधा सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। कम टैक्स दरों के कारण उनके उत्पादों की लागत घटेगी और मांग बढ़ेगी, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता में वृद्धि होगी।
पीएम मोदी ने MSME को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की रीढ़ बताया और उनकी गुणवत्ता को विश्वस्तरीय बनाने पर जोर दिया। उन्होंने राज्यों से निवेश का अनुकूल माहौल बनाने और विनिर्माण को बढ़ावा देने का आग्रह भी किया।
आम जनता के लिए डबल लाभ
जीएसटी में कटौती से उपभोक्ताओं के लिए डबल लाभ की स्थिति बनेगी। एक ओर जहां उनकी रोजमर्रा की खरीदारी पर खर्च कम होगा, वहीं दूसरी ओर स्वदेशी उत्पादों को अपनाने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
यह उत्सव नवरात्रि के त्योहार के साथ शुरू हो रहा है, जिससे इसे और अधिक महत्व मिल रहा है। इसका उद्देश्य हर परिवार के लिए खुशहाली लाना और देश में आर्थिक आत्मनिर्भरता की एक नई लहर शुरू करना है।
