Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री से जुड़े मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें पीएम मोदी की डिग्री से संबंधित जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया था। इस फैसले से दिल्ली विश्वविद्यालय को राहत मिली है।
मामले की पृष्ठभूमि
केंद्रीय सूचना आयोग ने 21 दिसंबर 2016 को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में दिल्ली विश्वविद्यालय को 1978 में बीए परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी छात्रों के रिकॉर्ड की जांच करने को कहा गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने भी साल 1978 में यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी। यह आदेश नीरज नामक व्यक्ति द्वारा दायर आरटीआई आवेदन के बाद आया था।
हाईकोर्ट का निर्णय
जस्टिस सचिन दत्ता ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया। अदालत ने 27 फरवरी को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखा था। दिल्ली विश्वविद्यालय ने सीआईसी के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत ने विश्वविद्यालय की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीआईसी के आदेश को रद्द कर दिया।
आरटीआई आवेदन और सीआईसी का आदेश
नीरज नामक व्यक्ति ने सूचना का अधिकार कानून के तहत आवेदन दिया था। इस आवेदन में 1978 बैच के सभी छात्रों के रिकॉर्ड की जांच करने की मांग की गई थी। सीआईसी ने इस आवेदन पर सुनवाई करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय को यह जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था। विश्वविद्यालय ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
