Delhi News: देशभर में मंगलवार (24 अक्टूबर) को दशहरा मनाया जा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी दिल्ली के द्वारका सेक्टर 10 पहुंचे, जहां उन्होंने रावण दहन कार्यक्रम में हिस्सा लिया. द्वारका पहुंचकर पीएम मोदी ने सबसे पहले पूजा-अर्चना की. वह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए.
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने लोगों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि भगवान राम की जन्मभूमि पर बन रहा मंदिर सदियों के इंतजार के बाद हम भारतीयों के धैर्य की जीत का प्रतीक है.
‘जल्द बनेगा राम मंदिर’
उन्होंने कहा, “राम मंदिर के निर्माण में अब कुछ ही दिन बचे हैं. जल्द ही राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी. आज हम भाग्यशाली हैं कि हम भगवान राम का सबसे भव्य मंदिर बनते देख पा रहे हैं.” .अयोध्या में अगला कदम रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजने वाला हर सुर पूरी दुनिया में आनंद लाएगा.
‘अहंकार पर विनम्रता की विजय का पर्व’
प्रधानमंत्री ने कहा, ”विजयदशमी का ये पर्व अन्याय पर न्याय की जीत, अहंकार पर विनम्रता की जीत और क्रोध पर धैर्य की जीत का पर्व है. विजयादशमी पर शस्त्र पूजा की भी परंपरा है. इस दिन शस्त्र पूजा नहीं होती भारत की धरती। “यह वर्चस्व के लिए नहीं, बल्कि इसकी सुरक्षा के लिए किया जाता है।”
‘चंद्रमा पर हमारी विजय को 2 महीने हो गए हैं’
उन्होंने कहा कि हम गीता का ज्ञान भी जानते हैं और आईएनएस विक्रांत और तेजस का निर्माण भी जानते हैं. हम श्रीराम की मर्यादा भी जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी जानते हैं। चंद्रयान-3 को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, ”इस बार हम विजयादशमी ऐसे समय मना रहे हैं, जब चंद्रमा पर हमारी जीत को 2 महीने पूरे हो गए हैं.”
‘जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर बांटने वालों को जला देना चाहिए’
पीएम मोदी ने कहा, ”हमें इस बात का ध्यान रखना है कि आज रावण दहन के दिन सिर्फ पुतले न जलाएं. ये दहन हर उस विकृति का दहन हो जिसके कारण समाज का आपसी सौहार्द बिगड़ता है. आज हमें ये करना चाहिए समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं भेदभाव को समाप्त करने का संकल्प।
उन्होंने कहा, ”ये वो दहन लोग हैं जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर मां भारती को बांटने की कोशिश करते हैं। विजयादशमी का पर्व केवल राम की रावण पर विजय का ही पर्व नहीं होना चाहिए, बल्कि यह देश की हर बुराई पर देशभक्ति की विजय का भी पर्व होना चाहिए।