New Delhi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह चीन की आधिकारिक यात्रा पर जा रहे हैं। वह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह 2018 के बाद पीएम मोदी की पहली चीन यात्रा होगी और इसमें शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक होने की संभावना है।
अमेरिकी दबाव में बदलाव
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने भारतीय आयात पर 50% का अतिरिक्त शुल्क लगाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीतियों ने भारत और चीन को नई साझेदारी की तलाश के लिए प्रेरित किया है। दोनों देशों के बीच संबंधों में पहले से ही सुधार की प्रक्रिया चल रही थी।
SCO का सबसे बड़ा सम्मेलन
इस शिखर सम्मेलन में रूस, पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशियाई देशों के नेता भाग लेंगे। बीजिंग ने इसे SCO का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन बताया है। SCO एक क्षेत्रीय सुरक्षा समूह है जिसकी स्थापना मास्को और बीजिंग ने की थी।
त्रिपक्षीय वार्ता की संभावना
रूसी अधिकारियों ने पिछले सप्ताह कहा था कि मास्को को भारत और चीन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता की उम्मीद है। अमेरिकी मीडिया का मानना है कि यह बैठक अमेरिकी विदेश नीति के लिए चुनौती पेश कर सकती है। शी जिनपिंग इस सम्मेलन का उपयोग अमेरिका-विरोधी गठबंधन को मजबूत करने के लिए कर सकते हैं।
पिछली मुलाकात
पीएम मोदी ने पिछली बार शी जिनपिंग और पुतिन से पिछले साल रूस में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मुलाकात की थी। इस नई बैठक को वैश्विक भू-राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ इस विकास पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।
