New Delhi: PM Modi जल्द ही राष्ट्रपति भवन के पास बने नए ऑफिस कॉम्प्लेक्स से काम शुरू करेंगे। इस नए दफ्तर को ‘सेवा तीर्थ’ नाम दिया गया है। इसी के पास प्रधानमंत्री का नया आवास भी बन रहा है। हाल ही में एक आरटीआई के जरिए PM Modi के नए घर पर हुए खर्च की जानकारी मांगी गई थी। सरकार ने सुरक्षा का हवाला देते हुए यह जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया है।
जानकारी को बताया ‘सीक्रेट’
केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने आरटीआई के जवाब में खर्च का ब्यौरा नहीं दिया। विभाग ने कहा कि मांगी गई जानकारी ‘सीक्रेट कैटेगरी’ में आती है। अधिकारियों ने आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(a) का हवाला दिया। उन्होंने तर्क दिया कि PM Modi के आवास की जानकारी सार्वजनिक करने से देश की सुरक्षा और संप्रभुता प्रभावित हो सकती है। यह जानकारी रणनीतिक हितों के खिलाफ भी जा सकती है।
प्रोजेक्ट की लागत पर संशय
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत 20,000 करोड़ रुपये बताई गई थी। हालांकि, सरकार ने संसद में स्वीकार किया था कि लागत बढ़ी है। इसके पीछे स्टील की कीमतें, जीएसटी और सुरक्षा व्यवस्था को वजह बताया गया। बावजूद इसके, PM Modi के नए घर की वास्तविक लागत अभी भी स्पष्ट नहीं है। सरकार ने बढ़े हुए बजट का सटीक आंकड़ा जारी नहीं किया है।
2026 तक पूरा होगा काम
यह पूरा निर्माण कार्य महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है। बताया जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा हो जाएगा। PM Modi का नया आवास और ऑफिस ‘एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव’ का हिस्सा होंगे। यहां एसपीजी (SPG) के लिए भी एक अलग सुविधा बनाने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य सभी महत्वपूर्ण कार्यालयों को एक जगह लाकर दिल्ली का ट्रैफिक सुधारना है।
क्या है एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव?
प्रस्ताव के अनुसार, नए एन्क्लेव में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और कैबिनेट सचिवालय होंगे। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) भी मौजूद होगा। इसके अलावा, विदेश मंत्रालय के हैदराबाद हाउस जैसी कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा भी यहीं होगी। फिलहाल PM Modi लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास में रहते हैं। सरकार का कहना है कि नया आवास सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस और पूरी तरह फंक्शनल होगा।
