New Delhi News: भाजपा ने मनरेगा का नाम बदलने के फैसले का जोरदार बचाव किया है। पार्टी ने शनिवार को कहा कि PM Modi का यह फैसला केवल नाम बदलने के लिए नहीं है। इसका उद्देश्य योजना की मूल भावना को बदलना है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को एक विधेयक को मंजूरी दी है। इसके तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम अब ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ होगा।
कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि PM Modi की सरकार योजनाओं का नाम बदलने में उस्ताद है। उन्होंने सवाल उठाया कि महात्मा गांधी के नाम में क्या बुराई थी। वहीं, केसी वेणुगोपाल ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री ने कभी इसे विफलता का स्मारक कहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अब इस क्रांतिकारी योजना का श्रेय लेना चाहती है।
भाजपा का पलटवार
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल PM Modi के काम करने के तरीके को नहीं समझ सकते। त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस महात्मा गांधी के नाम पर अपना विशेष अधिकार समझती है, जबकि बापू पूरे देश के हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राजकुमार ‘आगे-पीछे हमारी सरकार’ के सिद्धांत पर चलते हैं। वे प्रधानमंत्री की सेवा भावना को नहीं समझ सकते।
राजपथ से कर्तव्यपथ तक का सफर
सुधांशु त्रिवेदी ने नामों के पीछे की सोच को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किंग्सवे का नाम राजपथ रखा था, जो सत्ता का प्रतीक था। PM Modi ने उसे कर्तव्यपथ नाम दिया, जिससे कर्तव्य की भावना जगी। शाही पहचान वाले 7 रेस कोर्स रोड का नाम लोक कल्याण मार्ग किया गया। इससे जन कल्याण का भाव आया। इसी तरह पीएमओ का नाम सेवा तीर्थ रखने से सेवा की प्रेरणा मिलती है।
