International News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मजबूत रिश्तों की बात कही है। ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने पीएम मोदी को महान व्यक्ति और दोस्त बताया। उन्होंने भारत के रूसी तेल आयात में कमी का स्वागत किया और अगले साल भारत दौरे की संभावना जताई। यह टिप्पणी द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं के बीच आई है।
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि वह भारत आएं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह इसका हल निकाल लेंगे और भारत जरूर आएंगे। जब सीधे पूछा गया कि क्या वह अगले साल यात्रा की योजना बना रहे हैं तो ट्रंप ने हां में जवाब दिया। इससे भारत-अमेरिका संबंधों में नई गर्मजोशी का संकेत मिलता है।
ऊर्जा सहयोग को लेकर ट्रंप ने महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने दावा किया कि भारत ने रूस से तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है। यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने रूसी तेल आयात को लेकर भारत पर टैरिफ लगाया था। ट्रंप की टिप्पणी से लगता है कि यह मुद्दा अब सुलझ रहा है।
व्यापार तनाव के बीच सकारात्मक संकेत
ट्रंप की यह टिप्पणी दोनों देशों के बीच चल रहे व्यापार विवादों के बीच आई है। हाल ही में अमेरिका ने भारतीय आयातों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया था। इसमें रूसी तेल खरीद को लेकर पच्चीस प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क शामिल था। इस कदम से द्विपक्षीय संबंधों में कुछ खिंचाव पैदा हुआ था।
हालांकि पिछले कुछ दिनों में वॉशिंगटन की तरफ से नरमी के संकेत मिले हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भारत को अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार बताया था। उन्होंने द्विपक्षीय रिश्तों को बेहतर बनाने की ट्रंप की प्रतिबद्धता दोहराई थी। ट्रंप का ताजा बयान इसी कड़ी में आगे का कदम लगता है।
क्वाड शिखर सम्मेलन से क्यों दूरी बनाई?
ट्रंप के भारत दौरे का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी साल अगस्त में एक रिपोर्ट आई थी। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर दी थी कि ट्रंप क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल होने भारत नहीं आएंगे। इसकी वजह व्यापारिक टैरिफ को बताया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने पहले पीएम मोदी को शिखर सम्मेलन में आने का आश्वासन दिया था। मगर बाद में अमेरिका के टैरिफ लगाने के फैसले के बाद यह योजना रद्द कर दी गई। ट्रंप का नया बयान इस पुराने विवाद को दूर करने की कोशिश लगती है।
भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी लंबे समय से चल रही है। दोनों देश व्यापार रक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं। हाल के व्यापारिक मतभेदों के बावजूद दोनों पक्ष संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई देते हैं।
भविष्य की संभावनाएं
ट्रंप के भारत दौरे की संभावना से द्विपक्षीय संबंधों में नई गति आने की उम्मीद है। यह यात्रा व्यापार और रक्षा समझौतों पर आगे बातचीत का मौका दे सकती है। दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को नई दिशा मिल सकती है।
भारत सरकार ने अभी तक ट्रंप के बयान पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। विदेश मंत्रालय से अगले कदमों का इंतजार है। अमेरिकी प्रशासन की तरफ से भी यात्रा की तारीखों को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
अंतरराष्ट्रीय संबंधों में व्यक्तिगत रिश्तों का भी महत्व होता है। ट्रंप और मोदी के बीच अच्छे संबंधों को दोनों देशों के रिश्तों के लिए सकारात्मक माना जाता रहा है। यह दोस्ती भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जा सकती है।
