Delhi News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने पर गुरुवार को दिल्ली में भव्य शताब्दी समारोह का आयोजन किया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की। डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने संघ का विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी किया। उन्होंने अपने संबोधन में संघ के 100 वर्षों के योगदान की सराहना की।
पीएम मोदी ने कहा कि संघ ने पिछले 100 सालों में देश की प्रगति और एकता के लिए अतुलनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा, ‘संघ खुद तपता है, दूसरों को भी तपाता है।’ प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि संघ में सामान्य लोग मिलकर असाधारण काम करते हैं। उन्होंने संघ की शाखाओं को एक प्रेरणादायक भूमि बताया।
संघ को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया
प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन करार दिया। उन्होंने कहा कि शाखाएं शारीरिक और मानसिक विकास का केंद्र हैं। वहां से ‘अहं’ से ‘वयम’ यानी ‘मैं’ से ‘हम सब’ की यात्रा शुरू होती है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास के उतार-चढ़ाव के बावजूद स्वयंसेवकों का राष्ट्र सेवा का जज्बा कम नहीं हुआ।
आपदा में सेवा भाव की सराहना
पीएम मोदी ने संघ के मानवीय कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि किसी भी आपदा या संकट की स्थिति में संघ के कार्यकर्ता हमेशा सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि संघ में ‘हम’ की भावना प्रबल होती है और यही राष्ट्र निर्माण की मजबूत नींव है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भावना देश को एक सूत्र में बांधती है।
संघ के साथ पीएम मोदी का नाता
बता दें कि सक्रिय राजनीति में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं आरएसएस से जुड़े रहे हैं। उन्होंने लंबे समय तक संघ के प्रचारक के रूप में कार्य किया है। इसलिए संगठन के प्रति उनके विशेष लगाव को इस कार्यक्रम में साफ तौर पर देखा जा सकता था। उनका यह अनुभव उनके राजनीतिक जीवन की बुनियाद बना।
संघ का गौरवशाली इतिहास
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना था। संघ हर साल दशहरा के दिन अपना स्थापना दिवस मनाता है। इस दिन शस्त्र पूजा का भी आयोजन किया जाता है।
शताब्दी वर्ष के इस विशेष अवसर पर देश और विदेश में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। दिल्ली का यह आयोजन इनमें से एक प्रमुख कार्यक्रम था। इसमें बड़ी संख्या में संघ के स्वयंसेवकों और समर्थकों ने हिस्सा लिया। सभी ने संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर खुशी जाहिर की।
