शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

पीएम मोदी: सीजेआई गवई पर जूता फेंकने की घटना निंदनीय, हर भारतीय नाराज

Share

Delhi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखकर अपनी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने सीजेआई गवई से व्यक्तिगत बातचीत भी की है।

प्रधानमंत्री ने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट परिसर में हुए इस हमले से हर भारतीय नाराज है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने इस घटना को पूरी तरह से निंदनीय बताया।

सीजेआई के संयम की सराहना

प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्य न्यायाधीश गवई द्वारा दिखाए गए संयम और धैर्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने न्यायमूर्ति गवई द्वारा ऐसी स्थिति का सामना करते हुए प्रदर्शित की गई शांति और संयम की सराहना की। यह न्याय के मूल्यों को मजबूत करने वाला कदम है।

पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारे संविधान की भावना के प्रति सीजेआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने के लिए सीजेआई के रवैये की सराहना की। इस घटना के बाद न्यायपालिका के प्रति सम्मान व्यक्त किया।

यह भी पढ़ें:  Supreme Court: सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचाया नुकसान तो अब कोई भी दर्ज करा सकेगा FIR, कोर्ट का बड़ा फैसला

क्या हुआ था सुप्रीम कोर्ट में

यह घटना सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुई जब एक 71 वर्षीय वकील ने अचानक सीजेआई गवई पर जूता फेंक दिया। इससे कोर्ट रूम में अफरा-तफरी मच गई। वकील को तुरंत हिरासत में ले लिया गया। सुरक्षाकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे नियंत्रण में लिया।

कोर्ट रूम से बाहर ले जाते समय वकील ने चिल्लाकर कहा कि भारत सनातन धर्म के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा। उसने यह बयान जोरदार अंदाज में दिया। इस दौरान कोर्ट परिसर में मौजूद लोग हैरान रह गए।

पृष्ठभूमि में क्या है मामला

यह घटना सीजेआई गवई की एक टिप्पणी के कुछ हफ्तों बाद हुई है। उन्होंने मध्य प्रदेश में क्षतिग्रस्त विष्णु प्रतिमा की बहाली से संबंधित याचिका पर सुनवाई की थी। इस दौरान उनकी कथित टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया था।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: प्राकृतिक आपदा मुआवजा योजना में अन्य राज्यों से अधिक दी जा रही राहत; चंद्र कुमार

सीजेआई ने कहा था कि जाओ और स्वयं देवता से पूछो। इस टिप्पणी के बाद उनकी व्यापक रूप से आलोचना हुई थी। कई संगठनों और व्यक्तियों ने इस बयान पर आपत्ति जताई थी। यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना था।

राष्ट्रीय स्तर पर मिली प्रतिक्रिया

पीएम मोदी के बयान के बाद इस घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा तेज कर दी है। कई राजनीतिक दलों और नेताओं ने भी इसकी निंदा की है। सभी ने न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने पर जोर दिया है। इस घटना को लेकर देशभर में चर्चा जारी है।

न्यायपालिका के खिलाफ इस तरह की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे कृत्यों से लोकतंत्र की नींव कमजोर होती है। सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं के सम्मान की जरूरत बताई जा रही है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News