India News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री ने एक भावनात्मक संदेश साझा किया। उन्होंने एक विकसित भारत के निर्माण में गांधीजी के विचारों की सतत प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उनके संदेश ने दोनों महान नेताओं के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त किया।
पीएम मोदी ने अपने संदेश में लिखा कि गांधी जयंती प्रिय बापू के असाधारण जीवन को श्रद्धांजलि देने का दिन है। उन्होंने कहा कि गांधीजी के आदर्शों ने मानव इतिहास की दिशा को बदल दिया। यह दिन उनकी शिक्षाओं और मूल्यों को याद करने का अवसर प्रदान करता है। इन सिद्धांतों ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि गांधीजी के मूल्य भारत की विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा के लिए आधारशिला हैं। उन्होंने कहा कि एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य गांधीजी के विजन से प्रेरित है। इस लक्ष्य का केंद्र प्रत्येक नागरिक का उत्थान और कल्याण है। यह विजन देश की नीतियों और विकास के रास्ते को मार्गदर्शन प्रदान करता रहता है।
पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि गांधीजी ने दिखाया कि साहस और सादगी महान परिवर्तन के साधन बन सकते हैं। वह सेवा और करुणा की शक्ति में दृढ़ता से विश्वास रखते थे। उनका मानना था कि ये गुण लोगों को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विकसित भारत के निर्माण के अपने प्रयासों में गांधीजी के बताए मार्ग पर चलता रहेगा।
गांधी जयंती और अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस का महत्व
हर साल दो अक्टूबर को पूरा विश्व महात्मा गांधी के जन्मदिन को याद करता है। भारत में इस दिन को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। वहीं विश्व भर में इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से जाना जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने सन 2007 में 140 से अधिक देशों के समर्थन से इस वैश्विक दिवस की स्थापना की थी। यह दिन अहिंसा के सिद्धांत को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करता है।
इस विशेष दिन का एक गहरा और अनूठा महत्व है। यह भारत के इतिहास से गहराई से जुड़ा हुआ है। साथ ही यह एक सार्वभौमिक संदेश भी देता है जो दुनिया भर के लोगों को प्रभावित करता है। संयुक्त राष्ट्र में इस दिन को विशेष भाषणों और कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है। ये कार्यक्रम गांधी की शिक्षाओं को वर्तमान वैश्विक चुनौतियों से जोड़ते हैं।
हाल के वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के संदेशों ने दुनिया भर में चल रहे संघर्षों पर ध्यान केंद्रित किया है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि गांधी का सत्य और अहिंसा में विश्वास किसी भी हथियार से अधिक शक्तिशाली है। यह शांति और संवाद का मार्ग प्रशस्त करता है। इसका उद्देश्य हिंसक तरीकों के बजाय शांतिपूर्ण समाधानों को बढ़ावा देना है।
देश भर में गांधी जयंती का समारोह
भारत में लोग विभिन्न तरीकों से महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। लोग दिल्ली स्थित राजघाट पर उनकी समाधि पर जाते हैं और प्रार्थना करते हैं। देश भर में स्कूलों और संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सार्वजनिक अभियानों के माध्यम से गांधीजी के आदर्शों का प्रचार प्रसार किया जाता है। ये गतिविधियां केवल प्रतीकात्मक नहीं हैं।
इन समारोहों ने वास्तविक कार्यों और राष्ट्रीय अभियानों को प्रेरित किया है। स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छता पर गांधीजी के विचारों से सीधे प्रेरित एक बड़ा उदाहरण है। इसी प्रकार खादी और ग्रामोद्योग को बढ़ावा देना उनकी आत्मनिर्भरता और ग्रामीण विकास में आस्था को दर्शाता है। ये पहलें गांधी के सपनों को साकार करने की दिशा में ठोस कदम हैं।
अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस एक राष्ट्रीय श्रद्धांजलि और एक वैश्विक अनुस्मारक दोनों का काम करता है। यह प्रदर्शित करता है कि गांधीजी का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है। यह दिन हमें हिंसा के बजाय शांति चुनने की याद दिलाता है। यह विभाजन के स्थान पर संवाद और भय के बजाय करुणा को अपनाने की प्रेरणा देता है।
गांधी जयंती का यह पर्व हमें आत्मनिरीक्षण करने का अवसर देता है। यह हमें अपने जीवन में सादगी और सच्चाई को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। यह दिन सामूहिक जिम्मेदारी और राष्ट्र निर्माण में योगदान की भावना को मजबूत करता है। गांधीजी का जीवन हमेशा मानवता के लिए मार्गदर्शक बना रहेगा।
