New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान पीएम मोदी ने रूसी नागरिकों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। अब रूस के लोगों को भारत आने के लिए 30 दिन का निशुल्क ई-टूरिस्ट वीजा दिया जाएगा। इस फैसले का मकसद दोनों देशों के बीच पर्यटन और आपसी रिश्तों को बढ़ावा देना है। इस मुलाकात में भारत और रूस ने रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए 6 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए।
भारत और रूस के बीच 6 अहम समझौते
ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मौजूदगी में अधिकारियों ने निम्नलिखित समझौतों का आदान-प्रदान किया:
- कोऑपरेशन और माइग्रेशन पर समझौता।
- अस्थायी श्रमिक गतिविधियों को सुगम बनाना।
- हेल्थकेयर और मेडिकल एजुकेशन में सहयोग।
- फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड्स पर सहमति।
- पोलर शिप्स और मैरिटाइम कोऑपरेशन।
- फर्टिलाइजर क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग।
ये समझौते दोनों देशों की आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को एक नई दिशा देंगे।
रुपये और रूबल में हो रहा 96% व्यापार
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी के साथ अपनी बातचीत को बेहद सफल बताया। उन्होंने जानकारी दी कि भारत और रूस के बीच अब 96 प्रतिशत व्यापार अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं (रुपये और रूबल) में हो रहा है। पुतिन ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पूरी तरह स्थिर है। भारत को तेल, गैस और कोयले की सप्लाई बिना किसी रुकावट के जारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से दोनों पक्षों को बड़ा फायदा मिलेगा।
पीएम मोदी बोले- ध्रुव तारे जैसी हमारी दोस्ती
प्रधानमंत्री ने भारत-रूस संबंधों की मजबूती पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 25 सालों में दुनिया ने कई बड़े संकट देखे हैं। इसके बावजूद भारत और रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह अपनी जगह पर अडिग रही है। उन्होंने याद दिलाया कि साल 2010 में इस रिश्ते को ‘स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ का दर्जा मिला था। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को अपना मित्र बताते हुए इस साझेदारी को मजबूत करने के लिए उनका आभार जताया।
एनर्जी और शिपबिल्डिंग में बढ़ेगा सहयोग
पीएम मोदी ने बताया कि दोनों देश एनर्जी सिक्योरिटी पर मिलकर काम कर रहे हैं। सिविल न्यूक्लियर एनर्जी में दशकों पुराने सहयोग से क्लीन एनर्जी के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिपबिल्डिंग के क्षेत्र में गहरा सहयोग ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को रफ्तार देगा। इससे भारत में रोजगार के नए अवसर बनेंगे और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग से एक सुरक्षित ग्लोबल सप्लाई चेन तैयार होगी।
